चाहे कितना भी तकनीकी विकास होता रहे परंतु हमारा मन सदैव शांत रहना पसंद करता है: सिस्टर प्रीति
दिनांक 20 दिसम्बर, 2024 को आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के संगीत विभाग तथा शारीरिक शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘विश्व ध्यान दिवस’’ मनाया गया। इस अवसर पर छात्राओं को ध्यान करवाया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने छात्राओं को विश्व ध्यान दिवस के विषय में जानकारी देेते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने ध्यान अथवा मेडीटेशन के लाभों और वैश्विक कल्याण को बढ़ावा देने हेतु तथा जागरूकता बढ़ाने हेतु विश्व ध्यान दिवस की परिकल्पना की है। इसका उद्देश्य जन-जन को मानसिक तथा आंतरिक शांति से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष इस दिन को एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है और इस वर्ष का थीम है ‘‘आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव’’। उन्होंने कहा कि ध्यान आत्मा को पोषित करता है, मन को शांत करता है और आधुनिक चुनौतियों का समाधान प्रदान करता है। कार्यक्रम की मुख्यातिथि सिस्टर प्रीति, ब्रह्मकुमारीज अम्बाला छावनी रहीं। उन्होंने छात्राओं को व्यक्ति के जीवन में ध्यान के महत्व के विषय में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि चाहे कितना भी तकनीकी विकास होता रहे परंतु हमारा मन सदैव शांत रहना पसंद करता है क्योंकि इससे हमें मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है। पूरे दिन में यदि हम कुछ पल आंखें बंद करके अपने अस्तित्व तथा कर्त्तव्यों के विषय में सोचें तथा अपने विषय में सकारात्मक सोच रखें तो हमें मानसिक शांति प्राप्त हो सकती है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. शचि शुक्ला, डॉ. अनु वर्मा, डॉ. सरिता चौधरी ने भी छात्राओं को ध्यान से होने वाले मानसिक तथा शारीरिक लाभों के बारे में जानकारी दी। डॉ. शचि शुक्ला ने कहा कि विभिन्न संस्कृतियों में धार्मिक, योगिक और धर्म निरपेक्ष परम्पराओं में निहित ध्यान का अभ्यास हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। आज इसे पुनः सारी दुनिया अपना रही है क्योंकि आज के समय में ध्यान मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य हेतु आवश्यक उपकरण बन गया है। डॉ. अनु वर्मा ने बताया कि अपनी दैनिक दिनचर्या में माइंडफुलनेस मैडिटेशन को शामिल करना है। डॉ. सरिता चौधरी ने बताया कि डब्ल्यू.एच.ओ. भी योग जैसी प्रथाओं के मानसिक स्वास्थ्य लाभों को स्वीकार करता है जिसमें अक्सर ध्यान संबंधी तत्व शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम में कॉलेज की छात्राओं के अतिरिक्त प्राध्यापिकाएं डॉ. अंजु बाला, डॉ. रेखा, प्रो. रंजू त्रेहन, प्रो. सिल्वी अग्रवाल, डॉ. अमनदीप मक्कड़, प्रो. सोनिका उपस्थित रहे।