दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को राजधानी में पुजारी-ग्रंथी योजना लॉन्च की। केजरीवाल ने कश्मीरी गेट के मरघट वाले बाबा के मंदिर में पत्नी के साथ दर्शन किए और वहां के पुजारी का पहला रजिस्ट्रेशन कराया। योजना के तहत पुजारियों-ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपए सैलरी देने का वादा किया गया है।
भाजपा ने X पर पोस्ट कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू बताया है। भाजपा ने लिखा- जो 10 साल से इमामों को सैलरी बांटता रहा। जो खुद और उनकी नानी प्रभु श्रीराम का मंदिर बनने से खुश नहीं थे। जिसने मंदिर और गुरुद्वारों के बाहर शराब के ठेके खोले। जिसकी पूरी राजनीति हिंदू विरोधी रही, उसे अब चुनाव आते ही पुजारियों और ग्रंथियों की याद आई?
इसके बाद AAP ने भी X पर पोस्टर जारी कर भाजपा को चैलेंज किया। पार्टी ने लिखा- भाजपा में हिम्मत है तो अपने शासन वाले 20 राज्यों में पुजारियों-ग्रंथियों को 18 हजार रुपए की सम्मान राशि दे। केजरीवाल ने कहा कि भक्त को भगवान से मिलने से कोई नहीं रोक सकता है।
भाजपा बोली- AAP की घोषणा हवा-हवाई
भाजपा के प्रवक्ता अमित मालवीय ने केजरीवाल के पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना को लेकर कहा था कि महाठग अरविंद केजरीवाल ने 10 साल बाद मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथियों को ठगने के लिए नई योजना की घोषणा की है। लेकिन दिल्ली में कितने पुजारी और ग्रंथी हैं, उन्हें इसका पता तक नहीं है। चुनाव से पहले झूठे वादों की झड़ी लगा दी गई है।
अमित मालवीय ने कहा- पिछले 17 महीनों से इमामों को तनख्वाह भी नहीं दी गई है, और वे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली वाले जानते हैं कि हिंदू विरोधी आप की यह घोषणा भी केवल हवा-हवाई है।
इमामों का आरोप- 17 महीने से सैलरी नहीं मिली
दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमामों ने 30 दिसंबर को केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया था। इमामों का आरोप है कि उन्हें 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के चेयरमैन साजिद रशीदी ने कहा कि वेतन में देरी को लेकर पिछले 6 महीनों से CM, LG समेत अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।