आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक गान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्टाफ के सदस्य और छात्राओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी को संविधान की प्रस्तावना से रूबरू करवाना है। सभी ने मिलकर प्रस्तावना का सामूहिक गान किया। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रस्तावना संविधान की चाबी है। इसे हम संविधान की आत्मा भी कह सकते हैं। उन्होंने बताया कि 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा प्रस्तावना अपनाई गई थी।
इस प्रस्तावना से पता चलता है कि भारत एक लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष देश है। नागरिकों को न्याय और समानता देता है ताकि नागरिक सम्मान और गरिमा से जीवनयापन कर सके। संविधान सभा द्वारा बनाई गई प्रस्तावना में राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की झलक दिखती है ताकि राष्ट्र मजबूत एवं सशक्त बन सके।
डॉ. अमनीत कौर, राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्षा ने बताया कि हमारे संविधान की प्रस्तावना संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों और दर्शन को बताती है। इसमें संविधान के उद्देश्यों का विवरण, भारतीय राज्य की प्रकृति और संविधान के स्रोत के बारे में जानकारी दी गई है। प्रस्तावना में भाईचारे को बढ़ावा देकर देश की एकता और अखंडता बनाए रखने का उद्देश्य बताया गया है। इस कार्यक्रम में स्टाफ के सभी सदस्य उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम रजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अमनीत, प्रो. गुरमीत कौर, और प्रो. विशाल की देखरेख में सम्पन्न हुआ।