यू तो अमूमन सावन के महीने मे शिव भगत शिवालों मे जा कर देवो के देव महा देव का आशीर्वाद ले कर उनकी आस्था मे लीन रहते है व हरिद्वार गंगोत्री यमनोत्री ऋषिकेश आदि से गंगा जल ला कर शिवालों मे जलाभिषेक करते हैं वही दूसरी तरफ कुछ कावड़िये ऐसे भी है जो सर्दी के महीने मे पैदल चलकर काँधे पर कावड़ उठा कर भोले बाबा जा जय कारा लगा कर अपनी कावड़ यात्रा को करते हुए महाशिव रात्रि के दिन शिवलिंग पर जला अभिषेक करते हैं व अपनी मनोकामना को मांगते हैं महाशिवरात्रि पर कावड़ का विशेष महत्व बताया जाता हैं क्युकी इस दिन देवो के देव महादेव का दक्ष पुत्री माँ पार्वती से विवाह सम्पन हुआ था जिसमे 33 करोड़ देवी देवता के साथ भूत परेत भी शामिल हुए थे इसी कड़ी मे पंजाब के बरनाला से पिछले 15वर्षो से श्री मठ धाम कावड़ संघ के 15 सदस्य प्रति वर्ष महा शिवरात्रि पर अपनी इस यात्रा को पैदल करते हैं संघ के सदस्यों ने बताया की हम सब मे सभी भोले 3कावड़ को ले कर बारी बारी अपनी कावड़ को चला कर प्रतिदिन 70 किलोमीटर का सफर तय करते हैं वही
अम्बाला छावनी मे लगभग 28 वर्षो से श्री सनातन धर्म सभा रजि. द्वारा कावड़ शिविर लगाया जाता हैं जहां हर प्रकार के वयस्था होती हैं वही इस बार जिला प्रशाशन की तरफ से किसी तरह का कोई भी इंतज़ाम नहीं किया गया हैं ऐसा बताया ना सफ़ाई कर्म चारी ना ही कोई पुलिस की सहायता साथ ही जगाधरी रोड पर लगी बंद लाइटओ को ले कर भी सवाल उठाया क्युकी कई कावड़ यात्री रात के समय मे भी अपनी यात्रा को करते है जो को डाक कावड़ होती हैं ऐसी मे छावनी मे अँधेरा होने के करण कोई घटना ना हो ये डर बना रहता ही आप भी सुने और क्या बताया सनातन धर्म सभा के सदस्यों ने..