
छावनी के गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में अकादमिक डेवलपमेंट सेल व अर्थशास्त्र विभाग की तरफ से डॉ अंबेडकर व सामाजिक सद्भाव विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता जानेमाने उपन्यासकार व चौ.चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के प्रोफेसर डॉ विकास शर्मा रहे। उन्होंने डॉ अंबेडकर के भारतीय राजनीति व समाज में व्यापक योगदान पर विस्तार से बात की।
कॉलेज प्रिंसिपल डॉ देशराज बाजवा ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका कॉलेज पहुंचने पर स्वागत किया। डॉ विकास ने कहा कि डॉ अंबेडकर हमारी राष्ट्रीय धरोहर हैं। ऐसे में इतनी बड़ी शख्शियत को किसी जाति तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब स्वतंत्रता आंदोलन में पूरा देश महात्मा गांधी को बापू का दर्जा दे रहा था तब डॉ अंबेडकर उनसे कई मुद्दों पर मतभेद का साहस रखते थे। ऐसा कई विद्वान ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव के लिए जरूरी है कि डॉ अंबेडकर को एक राष्ट्र नायक के तौर पर स्वीकार किया जाए न दलित नेता के तौर पर। आर्य गर्ल्स कॉलेज की प्रो सुमन ने डॉ अंबेडकर के भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि देश में भूमि सुधारों की वकालत सबसे पहले डॉ अंबेडकर ने ही की थी। प्रो शैलेंद्र रंगा ने महिला उत्थान संबंधी डॉ अंबेडकर के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उपन्यासकार डॉ विकास शर्मा ने अपनी कविताओं से कार्यक्रम को चार चांद लगाते हुए श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कार्यशाला में डॉ रविकांत,प्रो अजय चौहान, डॉ अतुल यादव,प्रो शर्मीला अहलावत,प्रो सुरेश कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ पूनम राजोरा ने किया। प्रो मनीष त्रिघाटिया ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।