द एसडी विद्या स्कूल ,अंबाला छावनी की कक्षा 12वीं की मेधावी छात्रा यशस्वी भाटिया के द्वारा लिखी गई पुस्तक का चुनाव भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय में संरक्षण के लिए अधिकारिक तौर पर किया गया है।
इस प्रतिभाशाली छात्रा ने एक दुर्लभ साहित्यिक उपलब्धि हासिल करके विद्यालय को अविश्वसनीय रूप से गौरवान्वित किया है। विश्व पुस्तक मेले 2025 में पहली बार शामिल होने वाली सबसे कम उम्र की लेखिका के रूप में सुर्खियाँ बटोरने के बाद, यशस्वी ने अब अपनी उपलब्धियों में यह सबसे बड़ी उपलब्धि जोड़ ली है
यह प्रतिष्ठित मान्यता पुस्तकों और समाचार पत्रों (सार्वजनिक पुस्तकालय) अधिनियम, 1954 के तहत दी जाती है, और उनकी पुस्तक अब भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय की तीनों प्रमुख शाखाओं – दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में रखी जाएगी।
इस उपलब्धि को और भी उल्लेखनीय बनाने वाली बात है प्रतियोगिता का पैमाना। विश्व पुस्तक मेले में प्रदर्शित लगभग एक लाख पुस्तकों में से, यशस्वी की पहली पुस्तक सबसे अलग रही और इसने देश के साहित्यिक अभिलेखागार में अपना सही स्थान अर्जित किया । एक ऐसा सपना जिसे हासिल करने के लिए अनेक अनुभवी लेखक वर्षों तक प्रयास करते हैं, उसे इस छात्रा ने छोटी सी उम्र में ही हासिल कर लिया ।यह मान्यता न केवल उनकी साहित्यिक प्रतिभा को प्रदर्शित करती है, बल्कि उन्हें देश भर के युवा लेखकों के लिए एक आदर्श के रूप में भी स्थापित करती है। उनकी कहानी इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि दृढ़ संकल्प, रचनात्मकता और जुनून से क्या नहीं हासिल किया जा सकता है ?
विद्यालय की निर्देशक प्राचार्या नीलइंदरजीत कौर संधू ने यशस्वी व उसके परिवार को इस महान उपलब्धि पर हार्दिक मुबारकबाद दी । उसकी प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह छात्रा विद्यालय के सभी छात्रों के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा स्रोत है ।उन्होंने ईश्वर से यशस्वी के उज्जवल भविष्य की कामना की। विद्यालय के अध्यक्ष बीके सोनी ने भी इस होनहार छात्रा को बधाई देते हुए उसे भविष्य में आकाश की बुलंदियों को छूने का आशीर्वाद दिया।