हरियाणा में कंस्ट्रक्शन लेबरों के वेरिफिकेशन में गड़बड़ उजागर हुई है। बताया जा रहा है कि 2 अफसरों ने ही मिलकर करीब 2 लाख लोगों के वेरिफिकेशन कर डाले। इस पर सूबे के श्रम मंत्री अनिल विज ने कंस्ट्रक्शन लेबर बोर्ड की बैठक के दौरान नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है।
विज ने बैठक के बाद बताया कि कमेटी को जांच के लिए एक महीने का टाइम दिया गया है, जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला और क्यों सवाल उठे…
कंस्ट्रक्शन लेबर का शुल्क 25 रुपए
कंस्ट्रक्शन लेबरों को अपना पंजीकरण कराने के लिए हरियाणा श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। पंजीकरण शुल्क 25 रुपए है और मासिक अंशदान के रूप में 5 रुपए सदस्यता फीस है। आवेदन के साथ श्रमिक को परिवार का विवरण देना होता है। साथ ही 90 दिन का कार्य अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। हरियाणा भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण होना अनिवार्य शर्त है। इसी योजना में शामिल होने पर लाभार्थी को निर्वाह भत्ता, शिक्षा भत्ता, पेंशन, ऋण और दुर्घटना बीमा योजना सहित कई सुविधाएं मिलती हैं।
लेबर बोर्ड की बैठक में उठा मुद्दा
श्रम मंत्री अनिल विज ने सोमवार को जब कंस्ट्रक्शन लेबर बोर्ड की बैठक ले रहे थे, उसी वक्त यह मामला सामने आया। मंत्री को जानकारी दी गई कि विभाग के दो अफसर कंस्ट्रक्शन लेबरों के वेरिफिकेशन में गड़बड़ कर रहे है। उन्होंने नियमों को दरकिनार करते हुए 1.90 लाख लोगों का वेरिफिकेशन कर डाला। इस पर मंत्री विज ने दोनों अफसरों के नाम पूछे तो उन्हें नाम बता दिए गए। मंत्री ने पूछा कि दोनों ने कैसे किया ये गड़बड़झाला, तो अफसरों ने बताया कि इसके लिए जांच जरूरी है। इसके बाद मंत्री ने तीन मेंबर्स की कमेटी बनाने के निर्देश दिए।
3 मेंबर की कमेटी करेगी मामले की जांच
श्रम मंत्री अनिल विज ने 3 सदस्यीय कमेटी में यूनियन की तरफ से सुनील ढिल्लो, नियोक्ता की तरफ से भूपेंद्र शर्मा और विभाग की ओर से संयुक्त सचिव एके देशवाल को शामिल करने के निर्देश दिए हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मामला गंभीर है। मंत्री जी ने कमेटी को सभी बिंदुओं पर जांच करने के निर्देश दिए है। इनमें पता लगाया जाएगा कि कैसे दोनों अफसरों ने इतने वेरिफिकेशन कर दिए। नियम क्या है। क्या पैसे लेकर तो अपात्रों को योजना का लाभार्थी नहीं बना दिया। इस मामले में अन्य लोग तो शामिल नहीं। पूरे मामले की जांच एक माह में करने के निर्देश दिए है।
डिटेल रिपोर्ट अलग से तैयार की जाए
विज ने कहा कि बोर्ड की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों की डिटेल रिपोर्ट अलग से तैयार की जाए। इसके अलावा उन्होंने सभी ब्लॉक स्तर पर कामगारों की सुनवाई के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि कॉल सेंटर और हेल्प डेस्क दोनों अलग-अलग होने चाहिए। बैठक में जानकारी दी गई कि पंचकूला, हिसार और सोनीपत में क्षेत्रीय स्तर पर कॉल सेंटर खोले गए हैं। बैठक में सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा) कृष्ण कुमार बेदी, श्रम एवं रोजगार विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन, श्रम आयुक्त मनीराम शर्मा तथा बोर्ड के चेयरमैन व अन्य सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे।