अम्बाला 3 मई 2025: आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के प्रांगण में विश्व हास्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने कहा कि मुस्कुराना एक बाहरी अभिव्यक्ति है, जबकि खुश रहना एक आंतरिक स्थिति है। खुशी हमारे जीवन में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करती है। हंसने से सकारात्मक वातावरण बनता है। आज की युवा पीढ़ी चिंता, तनाव एवं उदासी ग्रस्त है इसी कारण तनाव युक्त इंसान बीमारियों का शिकार हो रहा है। हंसना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हमें खुशी और संतुष्टि का एहसास करवाती है इसलिए जीवन में छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेना चाहिए। प्राचार्या महोदया ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व हास्य दिवस पहली बार 10 मई, 1998 को मनाया गया था इसकी शुरूआत भारत में मुम्बई के चिकित्सक डॉ. मदन कटारिया ने की थी और वह लाफटर योग आंदोलन के संस्थापक भी थे जो व्यायाम के रूप में हंसी को बढ़ावा देता है। हंसी न केवल शरीर को ऊर्जावान बनाती है बल्कि मन और आत्मा को भी स्वस्थ रखती है। हंसी सबसे बड़ी दवा है इसे दिल खोलकर अपनाइए। इस कार्यक्रम में स्टाफ सदस्यों ने अपने जीवन से संबंधित हास्य वृतांत को सांझा किया जिसका सभी ने लुत्फ उठाया। इस अवसर पर जोक्स प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें सभी स्टाफ ने जोक्स सुनाए तथा प्राचार्या महोदया को विजेता व डॉ. प्रगति शर्मा, प्रो. शीनम, प्रो. गुरमीत को उपविजेता चुना गया। प्राचार्या महोदया के विजयी होने पर उन्हें क्राउन पहनाया गया। इस अवसर पर सभी प्राध्यापिकाएं और छात्राओं ने हंसी के ठहाके लगाकर इस सुअवसर का भरपूर आनंद उठाया। इस अवसर पर प्रो. अमनदीप मक्कड़, डॉ. प्रगति शर्मा, प्रो. शीनम चुघ, प्रो. गुरमीत, प्रो. सरस्वती, प्रो. रेखा. प्रो. लवप्रीत, प्रो. सोनिका उपस्थित रहे।