अम्बाला, 9 मई: अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को सुरक्षा व्यवस्था को परखने के लिए एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान स्टेशन पर हाई अलर्ट जारी किया गया और हमले जैसी आपात स्थिति को बारीकी से परखा गया।
इस मॉक ड्रिल के दौरान रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कमांडेंट के साथ रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। ड्रिल का उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति, विशेषकर आतंकी हमले या संदिग्ध गतिविधियों के समय त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की तैयारियों का आकलन करना था।
कमांडेंट ने खुद स्टेशन परिसर का निरीक्षण किया और पूरी मॉक ड्रिल की निगरानी की। ड्रिल के बाद उन्होंने RPF अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर उनकी तैयारियों की समीक्षा की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
रेलवे प्रशासन का कहना है कि ऐसी मॉक ड्रिल समय-समय पर आयोजित की जाती हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन पर मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षा तैयारियों की जांच — हमले की स्थिति में यात्रियों को क्या करना चाहिए, जानें पूरी जानकारी
अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को एक विशेष मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें किसी संभावित आतंकी हमले या अन्य आपात स्थिति की तैयारी की व्यापक समीक्षा की गई। इस मॉक ड्रिल के दौरान स्टेशन पर साइरन बजाकर अलर्ट जारी किया गया और हमले की स्थिति का दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिससे सुरक्षाबलों की त्वरित प्रतिक्रिया और यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जा सके।
मॉक ड्रिल के दौरान रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कमांडेंट के नेतृत्व में पूरी टीम सक्रिय रही। स्टेशन परिसर में रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे और सुरक्षा मानकों का बारीकी से निरीक्षण किया गया। कमांडेंट ने मॉक ड्रिल के बाद जवानों से बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया, रणनीति, तथा तकनीकी संसाधनों की समीक्षा की।
अगर रेलवे स्टेशन पर साइरन बजता है या हमला होता है तो यात्रियों को क्या करना चाहिए?
मॉक ड्रिल का एक अहम उद्देश्य यात्रियों को जागरूक करना भी था। नीचे दिए गए बिंदुओं में बताया गया है कि अगर स्टेशन पर हमला होता है या साइरन बजता है, तो आम नागरिकों को क्या करना चाहिए:
- साइरन बजने पर सतर्क हो जाएं
जब भी स्टेशन परिसर में तेज आवाज वाला साइरन बजे, तो समझें कि कोई आपात स्थिति है।
घबराएं नहीं, लेकिन तुरंत सतर्क हो जाएं और आसपास के हालात को ध्यान से देखें।
- घबराएं नहीं, दौड़ें नहीं
अफरा-तफरी से चोट लग सकती है।
दौड़ने या चिल्लाने से भगदड़ की स्थिति बन सकती है, जिससे कई लोग घायल हो सकते हैं।
शांत रहें और निर्देशों का पालन करें।
- निकटतम सुरक्षित स्थान पर जाएं
स्टेशन पर कई स्थानों पर सुरक्षित शरण स्थल (Safe Zones) बनाए गए होते हैं – जैसे:
सीढ़ियों के नीचे,
दीवार से चिपककर बैठना,
टिकट काउंटर के पीछे या शेल्टर के पास।
ट्रेन के डिब्बे में होने पर नीचे की सीट के नीचे छुप सकते हैं या जमीन पर लेट जाएं।
- RPF या स्टेशन स्टाफ की बात मानें
स्टेशन पर RPF के जवान या रेलवे अधिकारी यात्रियों को दिशा-निर्देश देंगे।
उन्हीं के निर्देशों का पालन करें।
जरूरत पड़ने पर हाथ उठाकर मदद मांगें।
- फोन का सीमित उपयोग करें
आपात स्थिति में मोबाइल नेटवर्क पर दबाव बढ़ जाता है।
केवल जरूरी कॉल करें — जैसे पुलिस, एंबुलेंस या परिवार को सूचित करना।
सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाएं।
- मदद के लिए कहां संपर्क करें?
RPF हेल्पलाइन: 182
रेलवे हेल्पलाइन: 139
स्थानीय पुलिस: 100
एंबुलेंस: 108
रेलवे की तैयारी
कमांडेंट ने बताया कि इस तरह की मॉक ड्रिल्स का उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा बलों की तैयारी परखना नहीं, बल्कि यात्रियों को भी जागरूक करना है। अम्बाला छावनी स्टेशन पर CCTV, मेटल डिटेक्टर, बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाएं पहले से ही मौजूद हैं। आने वाले समय में यात्रियों के लिए डिजिटल सूचना प्रणाली के जरिए भी अलर्ट जारी करने की योजना है।
रेलवे स्टेशन पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे और RPF पूरी तरह तैयार हैं। यात्रियों को चाहिए कि वे इस प्रकार की मॉक ड्रिल को गंभीरता से लें और खुद भी सतर्क रहें। आपकी सावधानी और सहयोग ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।