10 मई को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंक के अड्डों को खाक में मिला दिया — तो दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति देखी। लेकिन आज की तस्वीर कुछ और ही थी — देश के प्रधानमंत्री खुद जवानों के बीच मैदान में उतर आए।
जगह थी — आदमपुर एयरबेस।
पंजाब के जालंधर के पास स्थित यह एयरबेस भारत का दूसरा सबसे बड़ा एयरफोर्स स्टेशन है। और यहीं पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक कदम आगे बढ़ाकर न सिर्फ बहादुर सैनिकों से मुलाकात की, बल्कि एक सख्त और साफ संदेश भी दे डाला —
“जो भारत की तरफ आँख उठाएगा, वो मिट्टी में मिलाया जाएगा!”
प्रधानमंत्री ने एयरफोर्स के शीर्ष अधिकारियों से मौजूदा सैन्य हालात पर विस्तृत चर्चा की। ऑपरेशन सिंदूर की रणनीतिक सफलता के बाद, यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है।
लेकिन सिर्फ रणनीति नहीं… यह था मनोबल बढ़ाने का मिशन।
पीएम मोदी ने उन जांबाजों से सीधी मुलाकात की, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में हिस्सा लिया था।
🚀 थोड़ा पीछे चलते हैं…
10 मई को पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस को निशाना बनाने की नापाक कोशिश की। ड्रोन और मिसाइल हमलों से भारतीय डिफेंस बेस को टारगेट किया गया।
लेकिन इंडियन एयरफोर्स सतर्क थी — हर हमला नाकाम किया गया। और फिर आया ऑपरेशन सिंदूर — जिसमें भारत ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों और मिलिट्री लॉंचपैड्स पर सर्जिकल एयरस्ट्राइक कर दी।
PM मोदी का यह दौरा, एक प्रतीक है — “हम सिर्फ जवाब नहीं देते, ज़मीन पर उतरकर साथ भी निभाते हैं।”
इस दौरे से क्या संदेश गया?
स्पष्ट है — भारत अब ‘Reactive’ नहीं, ‘Proactive’ है। आतंकवाद की फैक्ट्री चलाने वालों को अब समझ लेना होगा कि हिंदुस्तान चुप नहीं बैठेगा।