चंडीगढ़/पंचकूला, 15 मई:
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कानूनी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मानेसर भूमि अधिग्रहण घोटाले में पंचकूला स्थित CBI स्पेशल कोर्ट में ट्रायल पर लगी रोक को हटा दिया है। यह रोक पिछले करीब चार वर्षों से लागू थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस बहुचर्चित मामले में सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है।
CBI ने हुड्डा समेत 34 के खिलाफ पहले ही दाखिल की है चार्जशीट
CBI पहले ही इस मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 आरोपियों के खिलाफ 2019 में 80,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। यह चार्जशीट इतने बड़े पैमाने की थी कि इसे कोर्ट में ट्रक में भरकर लाया गया। आरोपियों में पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और रियल एस्टेट से जुड़े बड़े नाम शामिल हैं।
क्या है मानेसर भूमि घोटाला?
घोटाले की जड़ें वर्ष 2004 में शुरू हुईं जब सरकार ने मानेसर, लखनौला और नौरंगपुर गांवों की 1315 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने की अधिसूचना जारी की थी। किसानों को 12.5 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवज़े की पेशकश की गई, जिससे घबराकर उन्होंने जमीनें बेचनी शुरू कर दीं। दूसरी ओर, अधिसूचना का लाभ उठाते हुए बिल्डरों ने औसतन 40 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से ज़मीनें खरीदनी शुरू कर दीं। जब 2007 में अधिसूचना को अचानक रद्द कर दिया गया, तब तक ज़मीन की कीमत 1.2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ को पार कर चुकी थी।
22 कंपनियों ने 444 एकड़ जमीन हथियाई
सरकारी कार्रवाई से पहले और बाद के समय में 114 रजिस्ट्रियों को गलत बताया गया है। अकेले एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर (आदित्य बिल्डवेल) ने 248 एकड़ भूमि खरीदी। इन सौदों से न सिर्फ किसानों को भारी नुकसान हुआ, बल्कि सरकारी नीति और प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठे।
ED ने भी दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस
CBI जांच की शुरुआत मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश की शिकायत पर 2015 में हुई थी। इसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था, जो अब तक लंबित है।
अब CBI कोर्ट में दोबारा शुरू होगी सुनवाई
हाईकोर्ट के आदेश से अब यह मामला एक बार फिर पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में सक्रिय होगा। यह राजनीतिक और कानूनी दृष्टि से बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है, जो न केवल पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, बल्कि भविष्य की राजनीति पर भी असर डाल सकता है।
बॉक्स आइटम (इनफो-विंडो):
🔹 चार्जशीट: 80,000 पन्ने
🔹 आरोपी: पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34
🔹 भूमि अधिग्रहण अधिसूचना: 2004
🔹 CBI केस दर्ज: 2015
🔹 ED केस दर्ज: 2016
🔹 रोक हटने का आदेश: मई 2025