
अम्बाला छावनी, 2 जून 2025:
रिहायशी इलाके में नियमों को ताक पर रखकर लगाए जा रहे मोबाइल टावर के खिलाफ आखिरकार नगर परिषद अम्बाला छावनी ने सख्त कार्रवाई की है। सोमवार को नगर परिषद के सचिव राजेश कुमार ने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मौके पर लगे मोबाइल टावर को अवैध करार देते हुए संबंधित इमारत को सील कर दिया।
राजेश कुमार ने मीडिया को बताया कि यह टावर बिना किसी वैध अनुमति के एक घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में लगाया जा रहा था, जो नियमों के खिलाफ है। उन्होंने स्वीकार किया कि स्थानीय लोगों द्वारा लगातार इस टावर को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, जिनकी जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि टावर पूरी तरह से बिना किसी बिल्डिंग परमिशन या तकनीकी स्वीकृति के लगाया जा रहा था।
✅ स्थानीयों की शिकायत और मंत्री से सीधी मुलाकात बनी कार्रवाई की वजह
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ट्रिब्यून बाग और यालालबाग क्षेत्र के कई निवासियों — पुनीत वर्मा, हेमंत अरोड़ा, संदीप, आशीष, सुमन, सीमा अरोड़ा, आशीष गुप्ता सहित — ने कैबिनेट मंत्री श्री अनिल विज से मुलाकात की थी और इस अवैध टावर की शिकायत की थी।
मंत्री विज ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तुरंत नगर परिषद के ईओ को फोन कर तत्काल टावर का काम रुकवाने के आदेश दिए थे। उन्होंने साफ निर्देश दिया था कि अगर काम फिर भी जारी रहा तो दोबारा कई लोग ना आकर सिर्फ एक व्यक्ति उन्हें सीधी जानकारी दे।
⚠️ रेडिएशन से खतरे का डर, रिहायशी क्षेत्र में टावर को लेकर विरोध
स्थानीय लोगों ने टावर से निकलने वाले संभावित रेडिएशन के खतरे, बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव और बिना अनुमति काम किए जाने पर आपत्ति जताई थी।
लोगों का कहना था कि जब तक मंत्री ने हस्तक्षेप नहीं किया, तब तक नगर परिषद पूरी तरह मौन थी। यह घटना प्रशासन की निष्क्रियता और नागरिकों की उपेक्षा का उदाहरण बन चुकी थी।
🔒 अब क्या होगा आगे?
नगर परिषद सचिव ने स्पष्ट कहा है कि अब इस इमारत के मालिक के खिलाफ बिना अनुमति टावर लगाने और अवैध निर्माण कार्य के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आगे से ऐसे मामलों में सख्ती से नियमों का पालन कराया जाएगा और किसी को भी कानून हाथ में लेने की छूट नहीं दी जाएगी।
यह मामला न सिर्फ प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब नागरिक संगठित होकर अपनी आवाज़ उठाते हैं, तो सत्ता और प्रशासन को जवाबदेह बनाना संभव है।