हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, पंचकूला के सचिव द्वारा की गई जांच के आधार पर श्रम मंत्री श्री अनिल विज के आदेश पर फर्जी वर्क स्लिप सत्यापन मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। सोनीपत के श्रम निरीक्षक रोशन लाल, फरीदाबाद के धन राज और बहादुरगढ़ (झज्जर सर्कल-2) के श्रम निरीक्षक राज कुमार को निलंबित कर दिया गया है। जांच के अनुसार, इन निरीक्षकों ने अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच लाखों फर्जी वर्क स्लिप का सत्यापन किया, जिनकी मौके पर जांच नहीं की गई थी।
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच करीब 11,96,759 श्रमिकों की वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन हुआ था, जिनमें भारी गड़बड़ी पाई गई। केवल एक ग्राम सचिव द्वारा तीन महीने में 84,741 और एक श्रम निरीक्षक द्वारा एक दिन में 2,702 वर्क स्लिप सत्यापित की गईं—जो कि असंभव है।
श्रम मंत्री अनिल विज ने सभी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) पेमेंट्स पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं, ताकि सरकारी फंड का दुरुपयोग न हो। साथ ही, विज ने महाधिवक्ता से राय लेकर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हर जिले में उपायुक्त (DC) की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की़ समिति बनाई गई है, जो 90 दिनों में रिपोर्ट देंगी। फिलहाल छः जिलों—हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी—में जांच चल रही है।
श्रम विभाग के आयुक्त डॉ. मनीराम शर्मा ने बताया कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस फर्जीवाड़े में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड के सचिव की जांच रिपोर्ट के बाद यह कठोर कार्रवाई की गई है, जिससे अन्य जिलों में भी वर्क स्लिप सत्यापन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
इस घोटाले से विभाग को करोड़ों रुपए की वित्तीय हानि हुई है और सवाल यह भी उठे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में फर्जी लाभार्थियों ने विभाग की योजनाओं का अनुचित लाभ उठाया है।
= सरकार ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मजदूरों के हक की योजनाओं का लाभ केवल असली श्रमिकों तक पहुंचे, इसके लिए कड़े कदम लगातार उठाए जाते रहेंगे।