अम्बाला डायरी न्यूज़
अम्बाला/पंचकूला/यमुनानगर।
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के चलते अम्बाला सहित आसपास के जिलों की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। टांगरी, मारकंडा, घग्गर और यमुना समेत सभी प्रमुख नदियों में इन दिनों सामान्य से कई गुना अधिक पानी दर्ज हो रहा है, जिससे निचले इलाकों, कॉलोनियों और गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
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टांगरी नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण अंबाला छावनी के निचले इलाकों में पानी घरों तक पहुंच चुका है। मारकंडा नदी शनिवार को 7.8 फीट (31,000 क्यूसेक) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, हालांकि शाम तक जलस्तर 6.5 फीट (24,000 क्यूसेक) हुआ। घग्गर नदी में भी पानी खतरे के निशान के पास है।
यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज पर ताजा बारिश से 73,749 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया और सभी गेट खोल दिए गए। सोम नदी भी 24,100 क्यूसेक पर बह रही है, जिससे कई गांवों और खेतों में पानी भर गया है। प्रशासन के निर्देशानुसार लोगों को सतर्क रहने और नदी के पास न जाने की सलाह दी गई है।
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भारतीय मौसम विभाग के अनुसार शनिवार रात्रि को भी भारी बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे नदियों में जलस्तर और बढ़ सकता है। प्रशासन ने नदी किनारे के इलाकों में अलर्ट घोषित कर टीम को अलर्ट मोड पर रखा है।
लोगों से अपील की गई है कि जरूरतमंद अपने महत्वपूर्ण सामान सुरक्षित स्थान पर रखें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। खेत-खलिहानों, दुकानों, मकानों और मंदिरों में पानी घुसने के केस सामने आए हैं।
रात में स्थितियों के और बिगड़ने की आशंका के चलते लोगों की चिंता बढ़ गई है।
[पुख्ता आंकड़े: टांगरी–उफान पर20,000 क्यूसेक , मारकंडा–24,000 क्यूसेक (घट कर), यमुना–73,749 क्यूसेक, सोम–24,100 क्यूसेक]