आर्मी पब्लिक स्कूल, अंबाला छावनी, हरियाणा के कक्षा 10 के छात्र पियूष बघेले ने मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित क्षुद्रग्रह बेल्ट में एक क्षुद्रग्रह खोजा है। यह खोज उन्होंने नासा परियोजना के तहत की है। जल्द ही उन्हें इस क्षुद्रग्रह को नाम देने का सम्मान मिलेगा।
वर्तमान में इस क्षुद्रग्रह को ‘2023 VB44’ के रूप में नामित किया गया है, जो खोज के वर्ष को दर्शाता है। पियूष बघेले को इसे स्थायी नाम देने का अवसर मिलेगा। उन्होंने 2023 में इसकी प्रारंभिक पहचान प्रस्तुत की थी, और अब नासा ने इसे “मुख्य बेल्ट क्षुद्रग्रह की प्रावधानिक खोज” के रूप में आधिकारिक रूप से पुष्टि कर दी है।
यह असाधारण उपलब्धि स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रदान किए गए प्रशिक्षण के माध्यम से संभव हुई। यह प्रशिक्षण इंटरनेशनल एस्टेरॉइड डिस्कवरी प्रोजेक्ट के तहत दिया गया था, जो इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन (IASC) द्वारा संचालित एक नासा सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट है। इस कार्यक्रम के तहत, छात्रों और शोधकर्ताओं को वास्तविक खगोलीय डेटा का विश्लेषण कर क्षुद्रग्रहों की खोज करने का अवसर मिलता है।