
खुल गया शम्भु बॉर्डर, एक तरफा रास्ता खुला। आवाजाही हुई शुरू आम जनता को मिली राहत। जनता पिछले लगभग 13 महीने से थी परेशान, किसान आंदोलन के चलते बंद था शंभू बॉर्डर। आज आखिर कार खुल गया बॉर्डर लोगो को मिली राहत।
अंबाला शंभू बॉर्डर : कल रात किसानों से धरना स्थल को खाली कराने के बाद अब प्रशाशन द्वारा रास्तों को खोलना भी शुरू कर दिया है, पिछले लंबे समय से बंद पड़ा हरियाणा पंजाब शंभू बोर्डर पर रास्ते में बनी दीवारें अब हटाई जा रही है,पुलिस फोर्स के लिए बनाई गई पोस्ट को भी हटाया जा रहा है ।प्रशाशन उम्मीद जता रहा है कि कल तक रास्ते (NH 44)को सुचारू रूप से वाहनों के लिए शुरू कर दिया गया है
पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर गुरुवार सुबह हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड हटाने का काम शुरू कर दिया। अब पुलिस यहां वाहनों की आवाजाही शुरू कराएगी। बुधवार को पंजाब पुलिस ने 13 महीने से बंद शंभू और खनौरी बॉर्डर को खाली कराने का काम किया ।
केंद्र सरकार के साथ चंडीगढ़ में हुई सातवीं वार्ता के बाद किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत लगभग 200 किसान नेताओं को अलग-अलग स्थानों से हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस ने दोनों बॉर्डर पर बुलडोजर से किसानों द्वारा बनाए गए शेड तोड़ दिए। हिरासत में लिए गए सभी किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। डल्लेवाल को बुधवार रात जालंधर के PIMS अस्पताल लाया गया था। गुरुवार सुबह उन्हें PWD रेस्ट हाउस शिफ्ट किया गया।
72 घंटे पहले पुलिस ने बना ली थी प्लानिंग
सूत्रों के मुताबिक टकराव से बचने के लिए पंजाब पुलिस ने 72 घंटे पहले ही योजना बना ली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जगह खाली कराने व रिपोर्ट सब्मिट करने के निर्देश के बाद पंजाब सरकार ने पुलिस को हर हाल में टकराव रोकने के आदेश दिए थे। किसान आंदोलन को लेकर मान सरकार की आलोचना हो रही थी। बड़े कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा था।
इसी के चलते जब केंद्र के साथ बैठक का समय तय हो गया तो पुलिस ने 72 घंटे पहले ही टकराव रोकने की योजना बना ली। इस गुप्त बैठक में 2 IAS अधिकारी और 4 IPS अधिकारी शामिल हुए। योजना के तहत कमांडो बटालियन के साथ 1,500 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए। टकराव की आशंका को देखते हुए शंभू व खनौरी बॉर्डर से चंडीगढ़ में बैठक के लिए पहुंचे किसान नेता पंधेर और डल्लेवाल समेत अन्य को हिरासत में ले लिया गया।
आदेश यही थे कि जैसे ही नेता मोहाली में प्रवेश करें, उन्हें हिरासत में ले लिया जाए, लेकिन उन्हें पुलिस स्टेशनों में नहीं, बल्कि बड़े ट्रेनिंग सेंटर में रखने के निर्देश थे। अगर कार्रवाई के समय खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बड़े किसान नेता मौजूद होते तो खूनी झड़प हो सकती थी। ऐसे में योजना यही थी कि जब पंधेर और डल्लेवाल मोर्चे से दूर होंगे, तभी कार्रवाई की जाए।
18 व 19 फरवरी की रात करीब 1 बजे तक संगरूर समेत अन्य स्थानों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुआई में बल तैनात कर दिया गया। मोबाइल नेटवर्क भी बंद किए गए। चंडीगढ़ में केंद्र के साथ बैठक चल रही थी, तब राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार योजना को लागू करने में जुटी थीं। तड़के 4 बजे किसान नेताओं को इसकी भनक लग चुकी थी, लेकिन वे बैठक की तैयारियों में व्यस्त थे।