हाल ही में देशभर में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के कुछ विवादित बयानों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। इसी क्रम में हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर एक संदेश जारी कर दोनों में फर्क साफ कर दिया है। विज ने कहा, ‘‘कथावाचक कोई भी चार किताबें पढ़कर बन सकता है, परंतु संत वह होते हैं जिन्होंने धार्मिक, आध्यात्मिक या नैतिक रूप से ऊँचा दर्जा प्राप्त किया हो। जिनका जीवन ईश्वर की आराधना और साधना में बीता हो, उन्हें ही संत माना जाता है।’’
मंत्री विज ने समाज को सलाह दी कि कथावाचकों की वाणी की बजाय संतों के विचारों और मार्गदर्शन का अनुसरण करें। उन्होंने लिखा, ‘‘संतों की वाणी चिरस्थायी और सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली होती है, इसलिए लोगों को सत्संग और संतों की बातों पर ध्यान देना चाहिए।’’
मंत्री के इस बयान को कई धार्मिक संगठनों द्वारा सराहा जा रहा है, वहीं सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।