हरियाणा के पूर्व मंत्री अनिल विज ने कल रात अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल से ‘मंत्री’ शब्द हटा दिया, जिससे राज्य की राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर हलचल! अंबाला छावनी से विधायक और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल से ‘मंत्री’ शब्द हटा लिया है। इस बदलाव के बाद विज की नाराजगी और राजनीति में उठापटक को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। बीते महीनों में विज कई बार पार्टी और सरकार को निशाना बना चुके हैं, खासकर मुख्यमंत्री बदलने के बाद उनकी नाराज़गी खुलकर सामने आई थी।
खुद अनिल विज ने सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए कहा कि बायो में ‘मंत्री’ शब्द जगह की कमी की वजह से हटाना पड़ा, इसमें कोई राजनीतिक संदेश नहीं है। मगर विपक्ष और भाजपा के भीतर कई नेता इस कदम को नाराजगी का संकेत मानते हैं। कांग्रेस ने विज की नाराजगी को लेकर भाजपा पर हमला बोलते हुए बयान दिया कि “वो इतना रुठे कि सनम ने मनाना ही छोड़ दिया”।
कैसी रह सकती है प्रतिक्रिया?
• राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा नेतृत्व से विज की नाराजगी का प्रतीक माना जा रहा है।
• विपक्ष इसे भाजपा में आंतरिक कलह का संकेत बताकर हमलों में इस्तेमाल कर रहा है।
• पार्टी कार्यकर्ता और समर्थकों के बीच भी इसकी चर्चा जोरों पर है, जिससे विज की राजनीतिक भविष्यवाणी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
• सोशल मीडिया पर आम जनता ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं; कुछ ने इसे व्यक्तिगत नाराजगी, तो कुछ ने पार्टी के साथ ज़्यादा गहरे मतभेद की ओर इशारा बताया है।
राजनीति में चर्चा
• हरियाणा भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन के बाद विज की नाराजगी लगातार चर्चाओं में रही है।
• विपक्ष उनकी नाराजगी और प्रोफाइल बदलाव को मुद्दा बनाकर भाजपा नेतृत्व की कमजोरी और अंतर्कलह को उजागर कर रहा है।
• सरकार और पार्टी विज के बयान और हरकतों पर बचाव की मुद्रा अपनाती नजर आ रही है, ताकि पार्टी की छवि पर असर न पड़े।
• विज को हरियाणा भाजपा में ईमानदार, स्पष्टवादी और जनप्रिय नेता के तौर पर देखा जाता है, इसलिए उनके हर कदम को भारी राजनीतिक महत्व मिलता है।