शिक्षा

हर घर परिवार सूर्य नमस्कार अभियान में अधिकतम भागीदारी हेतु छात्राओं ने करवाया पंजीकरण

आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के शारीरिक शिक्षा व अंग्रेजी विभाग द्वारा निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग के निर्देशन में स्वामी विवेकानंद जयंती (12 जनवरी, 2025) से महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती (12 फरवरी, 2025) तक आयोजित होने वाले हर घर परिवार सूर्य नमस्कार अभियान में अधिकतम भागीदारी हेतु छात्राओं ने पंजीकरण करवाया तथा एक वर्कशॉप का आयोजन भी करवाया गया जिसकी शुरूआत 20 जनवरी से की गई। वर्कशॉप में छात्राओं ने सूर्य नमस्कार के लाभ के बारे में विस्तार से जाना।

21 जनवरी को सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप्स व 12 मंत्रों के बारे में बताया गया। इसी के तहत आज सूर्य नमस्कार करवाया गया तथा छात्राओं ने इसमें बढ़चढ़ कर भाग लिया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनुपमा आर्य ने हरियाणा एजूकेशन विभाग की इस पहल के लिए सराहना की एवं छात्राओं को सूर्य नमस्कार करने पर प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार सूर्य नमस्कार को अपनी प्रतिदिन की जीवन शैली में शामिल करके निरोगी रहा जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. सरिता चौधरी ने सूर्य नमस्कार के लाभ के बारे में विस्तार से छात्राओं को बताया कि किस प्रकार सूर्य नमस्कार हमें तनाव मुक्त रखता है तथा तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है। उन्होंने बच्चों को सूर्य नमस्कार करके छात्राओं को प्रोत्साहित किया। इस वर्कशॉप में लगभग 50 छात्राओं तथा प्राध्यापकों ने पंजीकरण करवाया और सूर्य नमस्कार किया।

आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक गान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्टाफ के सदस्य और छात्राओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी को संविधान की प्रस्तावना से रूबरू करवाना है। सभी ने मिलकर प्रस्तावना का सामूहिक गान किया। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रस्तावना संविधान की चाबी है। इसे हम संविधान की आत्मा भी कह सकते हैं। उन्होंने बताया कि 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा प्रस्तावना अपनाई गई थी।

इस प्रस्तावना से पता चलता है कि भारत एक लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष देश है। नागरिकों को न्याय और समानता देता है ताकि नागरिक सम्मान और गरिमा से जीवनयापन कर सके। संविधान सभा द्वारा बनाई गई प्रस्तावना में राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की झलक दिखती है ताकि राष्ट्र मजबूत एवं सशक्त बन सके।

डॉ. अमनीत कौर, राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्षा ने बताया कि हमारे संविधान की प्रस्तावना संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों और दर्शन को बताती है। इसमें संविधान के उद्देश्यों का विवरण, भारतीय राज्य की प्रकृति और संविधान के स्रोत के बारे में जानकारी दी गई है। प्रस्तावना में भाईचारे को बढ़ावा देकर देश की एकता और अखंडता बनाए रखने का उद्देश्य बताया गया है। इस कार्यक्रम में स्टाफ के सभी सदस्य उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम रजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अमनीत, प्रो. गुरमीत कौर, और प्रो. विशाल की देखरेख में सम्पन्न हुआ।

अम्बाला 21 जनवरी 2025

गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज, अंबाला छावनी में आज बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) विषय पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (एफ डी पी) का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम कॉलेज प्राचार्य डॉ रोहित दत्त के दिशा निर्देशन में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के पहले दिन एम एस एम ई- डी एफ ओ, करनाल की सहायक संचालक मीनू धीमान ने रिसोर्स पर्सन के रूप में शिरकत की।

कार्यक्रम के आरंभ में कनवीनर डॉ प्रबलीन कौर एवं को- कनवीनर डॉ भारती सुजान ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनों एवं रिसोर्स पर्सन का स्वागत किया। प्रो रितिका एवं प्रो जसमीता ने सफल मंच संचालन किया। मीनू धीमान ने आज के विषय पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनों को आई पी आर एवं उसके विभिन्न अवयवों से अवगत करवाया और साथ ही यह भी बताया कि हमारे जीवन में इसका क्या महत्व है।

यही नहीं उन्होंने पी एम ई जी पी ई – पोर्टल, निःशुल्क उद्यम रजिस्ट्रेशन, पी एम ई जी पी के अंतर्गत वित्तीय सहायता एवं कुछ एक महत्वपूर्ण केस स्टडी पर भी चर्चा की। आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का महत्व इस वजह से है कि यह रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। आईपीआर से रचनात्मक कार्यों और आविष्कारों को सुरक्षित रखा जाता है। ट्रेडमार्क, डिजाइन, कॉपीराइट, पेटेंट, भौगोलिक संकेत, पौधों की किस्में, लेआउट डिज़ाइन, व्यापार रहस्य इत्यादि आईपीआर से जुड़े कुछ उदाहरण हैं। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी सदस्यों को आई पी आर से जुड़ी बारीकियों को समझने पर बल दिया।

कॉलेज प्राचार्य डॉ रोहित दत्त ने शैक्षणिक विभाग के सभी सदस्यों एवं कॉलेज के सभी विद्यार्थियों को इस प्रकार के ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो कमलप्रीत कौर, डॉ गीता कौशिक एवं प्रो योगिता, डॉ सुरेंद्र कुंडू एवं प्रो शिवानी निझावन सहित सलाहकार समिति के सदस्य डॉ शिखा जग्गी, डॉ मीनू राठी एवं डॉ श्याम रहेजा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इस तरह के आयोजन से बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है और उनकी मस्तिष्क विचारों को चित्र के रूप में उतारने की कला सीखता है:डॉ नवीन गुलाटी

“हम और तुम सोशल वेलफेयर सोसायटी” द्वारा फीनिक्स क्लब में चित्रकारी की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में दो आयुवर्ग रखे गए जिसमें पहला वर्ग 6 वर्ष तक और दूसरा वर्ग 7 से 12 वर्ष की आयु तक रहा। प्रत्येक वर्ग में बच्चों ने बढ़चढ़ के भाग लिया। सभी ने अपनी आयु और सोच के अनुसार मनमोहक चित्रकारी बनाई।

संस्था के प्रेसिडेंट सरयू कांत शर्मा ने मुख्यातिथि डॉ नवीन गुलाटी का स्वागत किया और उन्हीं से विजेता का चुनाव करने को कहा। पहले वर्ग 6 वर्ष तक में प्रथम स्थान पर दिव्यांशी, द्वितीय दीपांशु और तीसरे स्थान पर पूर्वा रही। जबकि दूसरे 12 वर्ष तक वर्ग में पहला स्थान हर्षिका, दूसरा स्थान वरदान और तृतीय स्थान राशि ने प्राप्त किया।

डॉ नवीन गुलाटी ने विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र वितरित किए। बाकी सभी प्रतिभागियों को भी प्रमाणपत्र दिया गया। गुलाटी ने संस्था द्वारा कराई गई प्रतियोगिता के लिए संस्था और इसके सदस्यों की प्रशंसा की और उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है और उनकी मस्तिष्क विचारों को चित्र के रूप में उतारने की कला सीखता है।

प्रेसिडेंट एस के शर्मा ने बताया कि यह संस्था समाज सेवा के कई प्रकार के कार्यों का आयोजन करेगी जिससे बच्चे, महिलाएं, अक्षम वर्ग, बुजुर्गों आदि को मद्देनजर रखते कार्यक्रम बनाए जाएंगे। समाज को कुरीतियों के प्रति जागरूक करना, महिलाओं को अधिकारों और शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना आदि कार्यक्रम शामिल रहेंगे। इस कार्यक्रम में “हम और तुम सोशल वेलफेयर सोसायटी” के पदाधिकारी और सदस्यों में पूजा मल्होत्रा, किशन कुमार, प्रियंका, विकास, चतर सिंह आदि उपस्थित रहे।

आर्य गर्ल्ज कॉलेज में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में सौभाग्य के प्रतीक कमल तथा नए स्नातकोत्तर स्टाफ रूम का उद्घाटन पर हवन का आयोजन

हवन के पश्चात् ऋषि लंगर का आयोजन

आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के प्रांगण में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में कमल के फूल का अनावरण प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य ओ.पी. सिंगला, कोषाध्यक्ष, आर्य गर्ल्ज कॉलेज प्रबंधक समिति द्वारा किया गया। उन्होंने इस अवसर पर महाविद्यालय की सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी तथा उन्नति के लिए आशीर्वाद दिया। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य के गोचर से खरमास का अंत हो जाता है और वसंत ऋतु के आगमन की आहट सुनाई देती है। इसलिए कमल का अनावरण का एक विशेष उद्देश्य है। कमल फूल धन की देवी लक्ष्मी से जुड़ा है जो अपनी पवित्रता के लिए मूल्यवान है। यह हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है और सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य लाता है। महाविद्यालय के प्रांगण में यह कमल का प्रतीक कॉलेज के सौभाग्य में वृद्धि करेगा तथा छात्राओं के उन्नति के पथ पर अग्रसर करने के लिए प्रेरित करेगा। प्राचार्या महोदया ने कहा कि कमल का फूल चुनौतियों के बावजूद लचीलापन और सुंदरता तथा नई ऊर्जा का प्रतीक है। इसी तरह हमारी छात्राओं के लिए यह कमल का प्रतीक चुनौतियों का सामना करने के लिए नई ऊर्जा का विकास करेगा।
इसी तरह मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर राजनीति शास्त्र विभाग ने नव निर्मित स्नातकोत्तर स्टाफ रूम का उद्घाटन प्राचार्या महोदया डॉ. अनुपमा आर्य के करकमलों से करवाया गया। इस उपलक्ष्य में हवन का आयोजन किया गया। प्राचार्या महोदया स्वयं हवन में शामिल हुए तथा मंत्रों का उच्चारण किया। उन्होंने गायत्री मंत्र, स्तुतामया वरदा तथा महामृत्युजंय मंत्रों की महिमा का गुणगान किया तथा मंत्रों के माध्यम से राजनीतिक शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अमनीत कौर व अन्य स्टाफ सदस्यों को धन-धान्य, आयु तथा अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने कहा कि हवन की अग्नि की तरह यह विभाग सदैव प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे। हवन के उपरांत ऋषि लंगर का आयोजन किया गया जो कि हमारे संस्कृति की देन समरसता तथा समानता का प्रतीक है। इस अवसर पर सभी स्टाफ सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।


आर्य  गर्ल्ज   कॉलेज, अंबाला छावनी में यूथ क्लब द्वारा लोहड़ी का पर्व बड़े धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनुपमा आर्य द्वारा लोहड़ी की पवित्र अग्नि प्रज्वलित कर सभी के साथ अग्नि की परिक्रमा कर तिल, मूंगफली, रेवड़ी और मक्के की आहुति देकर किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा की लोहड़ी न केवल एक पर्व है बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। खासतौर पर यह किसानों की कड़ी मेहनत और नई फसल की खुशियों को समर्पित होता है। यह पर्व हमें एकता, भाईचारे, प्रकृति और कृषि के प्रति कृतज्ञता का संदेश देता है। इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि यह पर्व हमें हमारी जड़ों और परंपराओं से जोड़ता है। यह पर्व मुख्यतः सर्दियों के अंत और नई फसल की शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है और विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत में कृषि समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन किसान अपनी फसलों के तैयार होने की खुशी का उत्सव मनाते हैं। उन्होंने इस अवसर पर दूल्हा भट्टी की प्रेरणादायक कहानी भी सांझा की और बताया कि दूल्हा भट्टी ने इस दिन गरीब लड़कियों की शादियों का आयोजन किया था और उन्होंने समाज में सम्मान देने का काम किया आज भी लोहड़ी के गीतों में उनकी वीरता का जिक्र होता है और यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें दूसरों की मदद के लिए हमेशा आगे आना चाहिए। महाविद्यालय में इस प्रकार के आयोजनों से हमारे विद्यार्थियों को अपनी परंपराओं और संस्कृतियों को करीब से समझने का अवसर मिलता हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी को लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं दी।
इस कार्यक्रम में छात्राओं और स्टाफ सदस्यों के द्वारा सुंदर मंुदरियें एंवम् लोकगीत गाए और ढोल की ताल पर भांगड़ा, गिददा के साथ इस पर्व को धूमधाम से मनाया। इस अवसर सभी ने एक दूसरे को लोहड़ी पर्व की बधाई दी। यह कार्यक्रम यूथ क्लब के सदस्य प्रोफेसर सिल्वी अग्रवाल, डॉ. शची शुक्ला, डॉ. सरिता  चौधरी , डॉ. प्रिया शर्मा और डॉ. अनु वर्मा की देखरेख में हुआ। इस कार्यक्रम में स्टाफ के सभी सदस्य और छात्राएं सम्मिलित हुई।

सात दिवसीय कार्यक्रम को विश्व हिन्दी दिवस मनाकर किया समापन

कार्यशाला में हिन्दी दिवस पर कविताओं का हुआ वाचन

हम सोचते हैं और जो भी हमारे अनुभव हैं उन्हें कलमबद्ध करना, हमें तनाव व अवसाद से मुक्ति दिलाता है: डॉ. अनुपमा आर्य

आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के आई.क्यू.ए.सी. सैल द्वारा चलाए जा रहे सात दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम के सातवें दिन विश्व हिन्दी दिवस को मनाते हुए समापन किया गया जिसका उद्देश्य तनाव को दूर कर जीवन को सरलता से जीना रहा। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने इस उपलक्ष्य में पर कहा कि आज ‘‘हम तन-मन से करते हैं वंदन अपनी माँ बोली हिन्दी भाषा का’’। जो हम सोचते हैं और जो भी हमारे अनुभव हैं उन्हें कलमबद्ध करना, हमें तनाव व अवसाद से मुक्ति दिलाता है। हिन्दी भाषा हमारे भावों की अभिव्यक्ति है। प्राचार्या महोदया ने स्वयं रचित रचनाओं का वाचन कर वातावरण को भाव-विभोर कर दिया। उनके द्वारा ‘‘छटपटाहट’’, ‘‘जिन्दगी की गति’’ व ‘‘मां’’ कविताओं का सुंदर वाचन किया गया। प्राचार्या महोदया ने अपनी स्वयं रचित रचनाओं में से कुछ पंक्तियां दोहराई –
‘‘किसी के चले जाने से दुनियां नहीं रूकती, रूक जाता है तुम्हारा उत्साह, मर जाता है तुम्हारा जोश’’, ‘‘क्या तु दुर्गा थी माँ, जो दो हाथों से दस का काम करती थी, ठंड से तेरी बाजू नहीं दुखती थी’’। इसी तरह प्राचार्या महोदया ने प्रवासी बसे बच्चों को संबोधित करते हुए कहा ‘‘रंगीनियों में भी वो नूर नहीं…., तुम जाओ, तुम जाओ, दूर आसमानों में उड़ो, पंख फैलाओ, चांद सितारों की तरह चमको…।
इस अवसर पर प्राध्यापिका वर्ग ने भी स्वयं रचित रचनाओं का पाठन कर हिन्दी भाषा से जुड़े महत्व को इंगित किया। श्रीमती कमलेश गोयल ने ‘‘वो बचपन की मस्ती, वो दोस्तों की बस्ती’’ कविता का पठन कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. सुमन बाला ने अपने भावों को कागज पर उतारने का महत्व बताते हुए कहा कि अंतर्मन में चलने वाले भावों को कागज पर उतारना मन को हल्का करता है तथा तनाव मुक्त करता है। हिन्दी विभाग से प्रो. ममता भटनागर ने विश्व हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति प्रेम को दर्शाती कविता ‘‘हमारी शान है हिन्दी भाषा, हमारा मान है हिन्दी भाषा’’ प्रस्तुत की। पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. प्रिया शर्मा ने तनाव को दूर करने वाले दोहों का सुंदर वाचन किया। कार्यक्रम में स्वयं रचित हिन्दी भाषा के महत्व व गौरव को दर्शाती हुए कविताओं का वाचन किया। कार्यशाला के सातों दिनों में सकारात्मक सोच पर जीवन पर प्रभाव, ध्यान, एरोबिक्स और जुम्बा, योग, तनाव मुक्त जीवन में पुस्तकों का योगदान, सफलता की कहानियां तथा लेखन द्वारा तनाव प्रबंधन तथा विश्व हिन्दी दिवस परिचर्चा का विषय रहे। कार्यक्रम में प्रो. रंजू त्रेहन, श्रीमती कमलेश गोयल, डॉ. सुमन, डॉ. अमनदीप, डॉ. शचि शुक्ला, डॉ. अनु वर्मा, डॉ. पंकज, डॉ. प्रिया शर्मा तथा प्रो. ममता भटनागर सम्मिलित रहे।

सनातन धर्म कॉलेज ने शिक्षा के प्रति उदारता और प्रतिबद्धता के एक संकेत में, स्वर्गीय श्रीमती अर्चना गुप्ता मेमोरियल छात्रवृत्ति के तहत 103 योग्य छात्रों को चार लाख पचास हजार के चेक वितरित किए। यह कार्यक्रम आज सनातन धर्म कॉलेज में आयोजित किया गया था।

प्रिंसिपल डॉ राजिंदर सिंह ने बताया छात्रवृत्ति न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि छात्रों को अपने शैक्षणिक सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित भी करती है। छात्रवृत्ति का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों का समर्थन करना है। उन्होंने आगे कहा मैं प्राप्तकर्ताओं को हृदय से बधाई देने के साथ-साथ उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।

वाइस प्रिंसिपल डॉ अलका शर्मा ने बताया स्वर्गीय श्रीमती अर्चना मेमोरियल स्कॉलरशिप ट्रस्ट इस छात्रवृत्ति के माध्यम से शिक्षा को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है और छात्रों को सशक्त बना रहा है। ट्रस्ट का मानना है कि शिक्षा व्यक्तिगत क्षमता को उजागर करने और सामाजिक विकास में योगदान देने की कुंजी है।

सनातन धर्म कॉलेज में स्वर्गीय श्रीमती अर्चना गुप्ता मेमोरियल छात्रवृत्ति के तहत 103 योग्य छात्रों को चार लाख पचास हजार के चेक वितरित

कार्यक्रम में डॉ. रेनू शर्मा और प्रोफ. अमनदीप कौर का विशेष योगदान रहा और बताया की चयनित छात्रों को उनके शैक्षणिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए चेक प्रदान किए गए। हम प्राप्तकर्ताओं को बधाई देते है और उनके शैक्षणिक प्रयासों में निरंतर सफलता की कामना करते है।

जनसंपर्क अधिकारी संजीव कुमार ने बताया सनातन धर्म कॉलेज की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और छात्रों को उनके शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। सनातन धर्म कॉलेज के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा सनातन धर्म कॉलेज अंबाला छावनी में स्थित एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कॉलेज का उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक और व्यक्तिगत रूप से विकसित करना है ताकि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें और समाज में एक सकारात्मक योगदान कर सकें।

आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के आई.क्यू.ए.सी. सैल द्वारा चलाए जा रहे संकाय विकास कार्यक्रम के पांचवे दिन तनाव मुक्त जीवन में पुस्तकों के योगदान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सभी प्राध्यापिकाओं ने पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार किताबें उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। इस कार्यक्रम में प्राध्यापिकाओं ने अपनी पसंदीदा किताबों के बारे में विचार सांझा भी किए। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य ने अपने संदेश में कहा कि किताबें आत्मा की खुराक हैं और लक्ष्य की प्राप्ति का अचूक साधन हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि ‘‘किताबों से इश्क कीजिए क्योंकि किताबें कभी धोखा नहीं देती।’’ प्रो. रंजू त्रेहन ने बताया कि आज के बढ़ते सोशल मीडिया के चलन के कारण तनाव में बढ़ौतरी हो रही है, ऐसे समय में पुस्तकें की युवाओं का मार्गदर्शन कर सकती हैं। डॉ. रेखा वासु ने बताया कि हम सभी के जीवन में पुस्तकें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और नकारात्मकता को दूर करती हैं। डॉ. सुमन ने कहा कि किताबें हमारे अच्छे मित्र के रूप में सदैव हमारे साथ रहकर हमारा मार्गदर्शन करती हैं।

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आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के आई.क्यू.ए.सी. सैल द्वारा चलाए जा रहे संकाय विकास कार्यक्रम के पांचवे दिन तनाव मुक्त जीवन में पुस्तकों के योगदान पर कार्यशाला उपस्थित प्राध्यापिकाएं

डॉ. अमनीत और डॉ. पंकज ने बताया कि इतिहास साक्षी है कि संसार के महान विचारक, राजनीतिज्ञों, महापुरूषों के जीवन में पुस्तकों ने सम्पूर्ण योगदान दिया। डॉ. अमनदीप ने बताया कि उन्हें प्रेरणादायक किताबों को पढ़ना और छात्राओं से उसे सांझा करना बहुत अच्छा लगता है। ऐसा करने से छात्राओं को लक्ष्य चुनने में मदद मिलती है। डॉ. सरिता ने कहा कि उन्हें महापुरूषों की जीवन गाथा पढ़ना बहुत पसंद है। ऐसी पुस्तकें उन्हें विपरित परिस्थितियों में निर्णय लेने में मददगार सिद्ध होती हैं और बहुत तरह के अनुभव भी प्रदान करती हैं। डॉ. शचि ने कहा कि किताबें पढ़कर उनका मनोबल एवं आत्मबल बढ़ता है और उन्हें सही मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है। श्रीमती कमलेश गोयल ने बताया कि पुस्तकें पढ़ने की आदत हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करनी चाहिए। इस कार्यक्रम में सभी ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। यह कार्यक्रम आई.क्यू.ए.सी. इंचार्ज डॉ. रंजू, डॉ. सुमन तथा डॉ. अमनीत की देखरेख में हुआ।

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बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य, जानें मसौदा प्रस्ताव में और क्या
DPDP Draft: केंद्र सरकार की तरफ से डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों का मसौदा जारी कर दिया गया है। इस मसौदे के तहत, बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए किसी वयस्क की सहमति लेना जरूरी होगा। यह वयस्क माता-पिता या अभिभावक हो सकते हैं।
केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण (डीपीडीपी)-2025 का मसौदा जारी कर दिया है। इसमें नाबालिग बच्चों और दिव्यांगों के व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा पर जोर दिया गया है, हालांकि इसके उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है। मसौदे के अनुसार, बच्चों के डाटा का किसी भी रूप में इस्तेमाल करने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी। यानी, माता-पिता की सहमति के बिना कोई भी डाटा फिड्यूशरीज (व्यक्तिगत डाटा एकत्र करने व इसका इस्तेमाल करने वाली संस्थाएं) बच्चों का डाटा इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी।
करीब 14 महीने पहले संसद की ओर से डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण अधिनियम-2023 को मंजूरी देने के बाद मसौदा नियम सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किए गए हैं। मसौदा माईजीओवी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इसका उद्देश्य डिजिटल व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करना है। मसौदा नियमों में डिजिटल डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत व्यक्तियों की सहमति लेने, डाटा प्रसंस्करण निकायों और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान तय किए गए हैं। नियमों में व्यक्तियों से स्पष्ट सहमति हासिल करने के लिए एक तंत्र बनाने की बात कही गई है। 18 फरवरी के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान नहीं
मसौदे के अनुसार, डाटा फिड्यूशरी को यह जांच करनी होगी कि बच्चे के माता-पिता के रूप में खुद की पहचान बताने वाला व्यक्ति वयस्क है और भारत में लागू कानून का पालन करने वाला है। डाटा फिड्यूशरी बच्चों का डाटा केवल उस समय तक ही रख सकेंगे, जिसके लिए सहमति दी गई है। इसके बाद इसे हटाना होगा।

मसौदा नियमों की कुछ प्रमुख बातें
उपभोक्ताओं को अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण मिलेगा।
उपयोगकर्ता अपने डेटा को हटाने की मांग कर सकेंगे।
कंपनियों को अपने व्यक्तिगत डेटा के बारे में अधिक पारदर्शी होना होगा।
उपभोक्ताओं को यह पूछने का अधिकार होगा कि उनका डेटा क्यों एकत्र किया जा रहा है।
डेटा उल्लंघन के लिए 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

नियमों में बिक्री के लिए सामान देने वाला विक्रेता शामिल नहीं
नियमों में ‘ई-कॉमर्स इकाई’ को ऐसे किसी भी व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म का स्वामित्व या प्रबंधन करता है, लेकिन इसमें परिभाषित ई-कॉमर्स इकाई के बाजार में बिक्री के लिए सामान या सेवाओं की पेशकश करने वाला विक्रेता शामिल नहीं है।

ऑनलाइन गेमिंग मध्यस्थ और सोशल मीडिया गेमिंग मध्यस्त
मसौदा नियमों के अनुसार, ‘ऑनलाइन गेमिंग मध्यस्थ’ का तात्पर्य किसी ऐसे मध्यस्थ से है जो अपने कंप्यूटर संसाधन के उपयोगकर्ताओं को एक या अधिक ऑनलाइन गेम तक पहुंचने में सक्षम बनाता है, और ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ’ से तात्पर्य सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2000 का 21) में परिभाषित मध्यस्थ से है, जो मुख्य रूप से या पूरी तरह से दो या अधिक उपयोगकर्ताओं के बीच ऑनलाइन बातचीत को सक्षम बनाता है और उन्हें अपनी सेवाओं का उपयोग करके जानकारी बनाने, अपलोड करने, साझा करने, प्रसारित करने, संशोधित करने या उस तक पहुंचने की अनुमति देता है।
डीपीडीपी अधिनियम के मसौदे में क्या?
मसौदा अधिसूचना में कहा गया है, ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (2023 का 22) की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) की तरफ से प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से अधिनियम के लागू होने की तिथि को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का मसौदा, इससे प्रभावित होने वाले सभी व्यक्तियों की जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है।’ मसौदा नियमों में डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत व्यक्तियों की सहमति प्रसंस्करण, डेटा प्रसंस्करण निकायों और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान निर्धारित किए गए हैं।

मसौदा नियमों पर 18 फरवरी के बाद किया जाएगा विचार
वहीं अधिसूचना में कहा गया है, ‘…इसके तरफ से यह सूचित किया जाता है कि उक्त मसौदा नियमों पर 18 फरवरी, 2025 के बाद विचार किया जाएगा।’ मसौदा नियमों में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत स्वीकृत दंड का उल्लेख नहीं किया गया है। अधिनियम में डेटा के लिए जिम्मेदारों- व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण के उद्देश्य और साधन निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार संस्थाओं पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

नववर्ष पर पुस्तकालय में रीडिंग सैक्शन के उद्घाटन अवसर पर यज्ञ का आयोजन

पुस्तकालय रीडिंग सैक्शन अध्ययन क्षमता बढ़ाने में सहायक: डॉ. आर्य

यज्ञ सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा का स्त्रोत: डॉ. अनुपमा आर्य

आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी के पुस्तकालय द्वारा नववर्ष के शुभारंभ और पुस्तकालय में छात्राओं के लिए रिडिंग सैक्शन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर यज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य द्वारा रिडिंग सैक्शन का रिबन काटकर किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान का प्रकाश फैलाने में पुस्तकालय का महत्वपूर्ण योगदान है और एक पृथक रिडिंग सैक्शन पाठकों के लिए नई ऊर्जा और समर्पण का स्त्रोत बनेगा। इस सैक्शन में छात्राएं अपनी व्यक्तिगत अध्ययन सामग्री का भी प्रयोग कर सकेंगी और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे यू.पी.एस.सी., एस.एस.सी., सी. टेट, नेट इत्यादि की तैयारी कर रही छात्राओं को पुस्तकालय में उपलब्ध अध्ययन सामग्री के साथ शांत और अध्ययन के लिए उपयुक्त वातावरण भी उपलब्ध होगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी और छात्राओं में अध्ययन रूचि विकसित होगी और बेहतर परिणाम हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके साथ उन्होंने नववर्ष के अवसर पर सभी छात्राओं और स्टाफ सदस्यों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं। पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. प्रिया शर्मा ने प्राचार्या महोदया द्वारा पुस्तकालय में अलग रिडिंग सैक्शन बनवाने के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस सैक्शन में छात्राएं एकाग्रता के साथ अध्ययन कर सकेंगी और इससे महाविद्यालय की छात्राओं में अध्ययन रूचि को बढ़ावा मिलेगा और वे अपने समय का सदुपयोग कर सकेंगी। इसके पश्चात् महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनपुमा आर्य, स्टाफ सदस्यों और छात्राओं ने मिलकर नववर्ष के अवसर पर यज्ञ में भाग लिया। वैदिक मंत्रोच्चारण और यज्ञ के साथ पूरे वातावरण में अध्यात्मिकता का संचार हुआ। प्राचार्या महोदया ने कहा कि नववर्ष का आरंभ धार्मिक और शुभ कार्यों के साथ करना हमारी परम्परा और संस्कृति को सजीव बनाए रखने का उत्तम प्रयास है। यज्ञ जीवन का सर्वश्रेष्ठ कर्म है। यज्ञ की महिमा वेद, उपनिषद, ग्रंथ, गीता आदि सभी शास्त्रों में प्रतिपादित की गई है। यज्ञ से जहां सकारात्मकता और प्रेरणा मिलती है। ये पर्यावरण को भी शुद्ध करता है। नई शिक्षा नीति के अनुसार परीक्षाएं भी आरंभ हो रही हैं। इस समय यज्ञ का आयोजन छात्राओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा और परीक्षा परिणामों में भी सुधार लाएगा। इसके साथ उन्होंने छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए कामना की। यज्ञ के पश्चात् प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ जिसमें पुस्तकालय के महत्व और संस्कारों को बढ़ावा देने का वाद किया गया।

अम्बाला 31 दिसंबर 2024 द एस डी विद्या स्कूल अंबाला छावनी में कक्षा 11वीं12वींके छात्रों के लिए मनोविज्ञान पर कार्यशा र्य ला आयोजित की
गई। इस कार्यालय की संसाधन व्यक्ति ईशा दुआदु (विद्यालय की पूर्वपू र्व छात्रा) थी, जो कि आजकल York University Toronto कनाडा में इस विषय पर विशेष रूप से अध्यन कर रही है।
ईशा ने विद्यालय की छात्रों को बताया कि आज मनोवैज्ञानिक का क्षेत्र व्यापक हो चुका चु है । उनके अनुसार विद्यार्थी इस विषय में दक्षता हासिल कर अपने लिए रोजगार के साधन जुटा सकते हैं। उनके अनुसार इस विषय का अपने देश और विदेश में भी ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। विद्यार्थी इस विषय में विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल कर इसकी अलग अलग शाखाओं को अपना सकते हैं जैसे कि Clinical Psychologist , Forensic
Psychologist, Counsellor, Organiser,Neuro- psychologist आदि विषयों को चुन कर अपने लिए उच्च स्थान हासिल कर सकते हैं। विद्यार्थियों र्थि ने भी मनोविज्ञान से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे व अपनी मानसिक जिज्ञासा को शांत किया।
विद्यालय की निर्देशक प्राचार्यानीलइंदरजीत कौर संधू ने ईशा दुआदु की सराहना की व धन्यवाद दिया कि उन्होंने कनाडा से आकर अपना बहुमूल्मूय समय विद्यालय के विद्यार्थियों को देकर उनका ज्ञान वर्धन किया व मनोविज्ञान के छात्रों का मार्गदर्शन किया। विद्यालय द्वारा ईशा दुआ को तोहफे के रूप में हरा पौधा भेंट किया गया।
विद्यालय के अध्यक्ष बीके सोनी के अनुसार इस प्रकार की कार्यशालाओं से विद्यालय बच्चों को भविष्य में आने
वाली चुनोतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।
29 दिसंबर 2024 को विद्यालय के नॉन मेडिकल व मेडिकल संकाय के विद्यार्थियों ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी राई
सोनीपत मे राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी का भ्रमण किया । इस प्रदर्शनी र्श के दौरे के दौरान उन्होंने विज्ञान में नए नए
अनुभवनु ग्रहण किए।

बोर्ड परीक्षा को छात्रों के साथ-साथ माता-पिता भी तनाव का स्रोत मानते हैं। पहली बोर्ड परीक्षा, विशेषकर
दसवीं की परीक्षा को माता-पिता और छात्र दोनों ही अधिक चुनौतीपूर्ण मानते हैं। अनिश्चितताओं के इस चरण में
विफलता, उच्च अपेक्षाओं और प्रतिस्पर्धा के डर के कारण छात्रों में निरंतर दबाव, तनाव और चिंता की भावना
पैदा होती है। जैसे-जैसे बोर्ड परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं, छात्रों में नींद की कमी, खराब पोषण और व्यायाम की
कमी या खेल गतिविधियों में शामिल न होने के मामले बढ़ रहे हैं। माता-पिता और सहकर्मी समूहों के अलावा,
सोशल मीडिया छात्रों में अवास्तविक उम्मीदें और तनाव पैदा कर रहा है। इन सभी कारणों से बोर्ड परीक्षाओं को
लेकर अत्यधिक तनाव छात्रों में चिंता और घबराहट पैदा कर रहा है। माता-पिता को यह जानने की जरूरत है कि
यह लंबे समय तक तनाव और दबाव छात्रों में मानसिक और भावनात्मक थकावट और अवसाद का कारण बन
सकता है। इन सभी दबावों, समस्याओं और तनावों को समय प्रबंधन के माध्यम से प्रबंधित किया जा सकता है।
परीक्षा का तनाव माता-पिता, परिवार और दोस्तों के साथ बढ़ते टकरावपूर्ण रिश्तों, आक्रामक गुस्से और रोने-
धोने के रूप में भी देखा जा सकता है। खराब ग्रेड, छूटी हुई समय सीमा और बढ़ा हुआ तनाव इस बात का संकेत
है कि अब समय प्रबंधन के बारे में सोचने का समय आ गया है। कुछ समय प्रबंधन रणनीतियाँ हैं जिन्हें तनाव को
आपके ऊपर हावी होने से पहले ही समय पर प्रबंधित किया जा सकता है। परीक्षा के तनाव को कम करने या
उससे निपटने के कुछ निश्चित तरीके हैं जैसे:

  1. लचीली और प्राप्य समय-सारणी/ टाइम टेबल बनाना – छात्रों को लचीली समय-सारणी बनानी चाहिए
    ताकि कुछ अन्य गतिविधियाँ जैसे घर पर मेहमान, विवाह, स्वास्थ्य मुद्दे, खेल गतिविधियाँ और
    अप्रत्याशित आपातस्थितियाँ बिना किसी पुनर्निर्धारण के समय-सारिणी में समायोजित की जा सकें।
  2. यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें – छात्रों को यह समझने की आवश्यकता है कि क्षमताओं, व्यक्तित्व और
    योग्यताओं में व्यक्तिगत अंतर हैं। लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए क्षमताओं और रुचियों के अनुसार यथार्थवादी
    लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है।
  3. प्रौद्योगिकी और इंटरनेट का तर्कसंगत उपयोग – आज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अध्ययन सामग्री की कोई
    कमी नहीं है। इसके अलावा, डिजिटल उपकरण छात्रों को समय प्रबंधन और प्रगति पर नज़र रखने में
    मदद कर सकते हैं। इन ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का सकारात्मक तरीके से उपयोग करने से छात्रों को परीक्षा
    की तैयारी के अंतिम क्षण में प्रश्नों को हल करने में मदद मिल सकती है।
  4. उन्नत अनुशासन और दृढ़ता – अनुशासन, कड़ी मेहनत और दृढ़ता का मूल्य सिखाना माता-पिता और
    शिक्षकों की जिम्मेदारी है। ये गुण अकादमिक सफलता के लिए आवश्यक हैं, खासकर बोर्ड परीक्षाओं के
    दौरान।

द एस.डी. विद्या स्कूल छात्रों को ऐसे कौशल द्वारा  सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो उनके समग्र विकास और व्यक्तित्व के विकास में योगदान देता है इसी के तहत स्कूल के छात्रों ने हरियाणा क्षेत्रीय ताइक्वांडो प्रशिक्षण केंद्र में जिला अंबाला ताइक्वांडो एसोसिएशन द्वारा आयोजित कलर बेल्ट परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके अपनी असाधारण प्रतिभा और समर्पण का प्रदर्शन किया। कक्षा 5 से 12 तक के छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और पीली बैल्ट से लाल बेल्ट तक अर्जित करके उल्लेखनीय सफलता हासिल की। विद्यालय के खेल शिक्षक श्री अमित शर्मा और श्री विनय राणा के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में, छात्रों ने प्रभावशाली अनुशासन, कौशल और दृढ़ता का प्रदर्शन किया।

उपलब्धि हासिल करने वालों में समीक्षा, अहाना, खनक, कृतिका, हेतल, हरमन, हर्षित, मोक्षित, भूमन, अनिमेष, देवेश और देवांश शामिल हैं, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से स्कूल का नाम रोशन किया।

विद्यालय की निर्देशक प्राचार्या नीलइंद्रजीत कौर संधू ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करती है और खेल संकाय द्वारा प्रदान किए गए उत्कृष्ट प्रशिक्षण को दर्शाती है।

विद्यालय के प्रधान बी.के. सोनी ने भी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि विद्यार्थियों के समग्र विकास, शिक्षा और खेल दोनों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के प्रयासों को दर्शाती है।

 पीकेआर जैन पब्लिक स्कूल में इस सत्र के सात दिवसीय एनएसएस कैंप के पांचवें दिन आज सबसे पहले कैंप की शुरुआत लक्ष्य गीत गाकर की। इसके पश्चात वॉलिंटियर्स को वार्म अप एक्सरसाइ और योगा का अभ्यास करवाया गया ।ताकि वॉलिंटियर्स दिन भर कार्य करने के लिए इस ठंड के मौसम में भी अपने आपको ऊर्जावान बनाए रखें । वॉलिंटियर्स को इसके साथ म्यूजिकल चेयर खिलाई गई जिससे कि वह प्रसन्नता अनुभव करें और खेलों में अपनी रुचि बनाए रखें ।

कैंप के दूसरे सत्र में वॉलिंटियर्स को जीवन धारा वरिष्ठ नागरिक सदन वृद्ध आश्रम लेकर जाया गया जहां पर वॉलिंटियर्स ने बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत किया उनसे कुछ अपनी कुछ उनकी बातें साझा कर

की ।इसके पश्चात बुजुर्गों के लिए वॉलिंटियर्स ने रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें उन्होंने उन्हें भजन, शबद व देशभक्ति के गीत सुनाए ।इसके अलावा हास्य कविता , इंसानियत से जुड़ी हुई कविताओं के साथ उनका मनोरंजन किया। तत्पश्चात एक साइबर क्राइम की नुक्कड़ नाटक के द्वारा बुजुर्गों को डिजिटल अरेस्ट और साइबर क्राइम की जानकारी दी। इन सब कार्यक्रम के दौरान एनएसएस प्रोगाम ऑफीसर श्रीमती संगीता मक्कड़ , नवनीत कुमार उपस्थित रहे।  वॉलिंटियर्स ने अपनी जेब खर्ची से पैसे बचाकर फल, बिस्कुट, सैंडविच खरीदे एवं बुजुर्गों में वितरित  किये। 

इस सब कार्यक्रम से वृद्धो के अंदर खुशी और आशा जगी वह बहुत खुश हुए बच्चों को बहुत आशीर्वाद दिया और कहा कि उनके लिए आने वाला नया साल खूब खुशियां लेकर आए।

संगीता मक्कड़ ने बुजुर्गों को आश्वासन दिया कि हम आगे भी इसी तरह से अपने एनएसएस यूनिट को लेकर वृद्ध आश्रम आते रहेंगे और बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करते रहेंगे। प्रधानाचार्या श्रीमती नीरू शर्मा ने इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एनएसएस यूनिट की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग हमारे देश की कीमती संपत्ति है इन्हें संभाल कर रखना एवं इनका  आदर करना हमारा कर्तव्य है और इन सब तरह की कार्यक्रमों से बच्चों में बुजुर्गों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होती है

द एसडी विद्या स्कूल अंबाला छावनी में सीबीएसई द्वारा आयोजित कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क पर अध्यापकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के संसाधन व्यक्ति डॉक्टर सुरेश आग्रवाल पूर्व प्राचार्य, सीबीएसई मास्टर ट्रेनर व रितु मागो प्राचार्य मोतीराम आर्यन मॉडर्न स्कूल पंचकूला थे।

इस कार्यशाला में अनुरूप जौहल (डायरेक्टर प्राइमरी विंग व कोऑर्डिनेटर टॉडलर्स विंग), वंदना मेहता (डायरेक्टर माध्यमिक व  वरिष्ठ वर्ग)  व विद्यालय  के 60 अध्यापक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा को और प्रभावशाली बनाने के लिए अध्यापकों को नए नए  गुर सीखाना था ।

डॉक्टर रितु मागो ने अध्यापकों को बताया कि बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर ही शिक्षा को रोचक बनाने के लिए व्यावहारिक ज्ञान देना बहुत ही जरूरी है जिसके लिए उन्हें अलग-अलग ग्रुप में बांटकर उनकी रुचि के अनुसार विषय दिए जाएं तो वे शिक्षा को बेहतरीन रूप दे सकते हैं। उनके अनुसार आज शिक्षा का स्वरूप बिल्कुल ही बदल चुका है। यह केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है बल्कि आज बच्चे चारों तरफ से और  अपने वातावरण से कुछ ना कुछ नया आवश्यक ही सीखते हैं।  उनके अनुसार किताबी ज्ञान से बेहतर बच्चे अपने आसपास घटित घटनाओं को देखकर व सुनकर बहुत ही जल्दी कुछ नया सीखने का प्रयास करते हैं। उन्होंने इस प्रकार की गतिविधियों की ट्रेनिंग अध्यापकों को दी जिससे विद्यार्थी बौद्धिक विकास के लिए कुछ नया सीख सकें। उनके अनुसार  इस प्रकार का वातावरण अगर विद्यालय में भी  बच्चों को उपलब्ध करवाया जाए तो बच्चों की सीखने की क्षमता ओर बढ़ सकती है। डॉ सुरेश अग्रवाल ने अध्यापकों को बताया कि बच्चों का चहुंमुखी  विकास होना अतिआवश्यक है । जिसके अंतर्गत पौष्टिक आहार, प्राणायाम, आध्यात्मिक ज्ञान भी शिक्षा के  प्रमुख अंग है। उनके अनुसार शिक्षा को बच्चों के लिए आनंदमय बनाना चाहिए ताकि  वे  अपना पाठ्यक्रम गहन रूप से  ग्रहण कर सकें।संसाधन व्यक्तियों को विद्यालय के द्वारा प्रेम पूर्वक हरे पौधे भेंट किए गए।

सभी अध्यापकों  ने उनके द्वारा सिखाए गए  कदमों की सराहना की और बच्चों को इस प्रकार की गतिविधियों के द्वारा सीखने की कला को अति प्रभावशाली बनाने का वायदा किया।

विद्यालय की निर्देशक प्राचार्या नील इंद्रजीत कौर संधू ने इस कार्यशाला के संसाधन व्यक्तियों डॉ सुरेश अग्रवाल व डॉ रीतु मागो की सराहना  और उनका धन्यवाद किया कि उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों को अपना बहुमूल्य समय देकर उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए अलग-अलग गतिविधियों की ट्रेनिंग दी।

विद्यालय के अध्यक्ष बीके सोनी के अनुसार इस प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्रामों  के द्वारा अध्यापकों  को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा  को अत्यंत प्रभावशाली बनाने के लिए नए-नए  कौशल सीखने के अवसर मिलते हैं ।

अंबाला में आज क्रैक एकेडमी ने ‘सरकारी नौकरी मेला’ का आयोजन किया। यह मेला सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खास मौका लेकर आया। सैकड़ों छात्रों और प्रोफेशनल्स ने इसमें हिस्सा लिया और तैयारी से जुड़ी अहम जानकारियां हासिल की।
इस मेले में एक्सपर्ट मेंटर्स और शिक्षकों ने छात्रों को सरकारी परीक्षाओं के पैटर्न, कठिन सवालों को हल करने के तरीके और पढ़ाई का सही तरीका अपनाने जैसे विषयों पर सलाह दी। अलग-अलग वर्कशॉप्स के जरिए पढ़ाई की तकनीक और परीक्षा में सफलता के लिए जरूरी टिप्स भी दिए गए।
एकेडमी के फाउंडर और सीईओ नीरज कंसल ने कहा कि सरकारी नौकरी मेला सिर्फ एक इवेंट नहीं है, बल्कि युवाओं को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का हमारा प्रयास है। हम चाहते हैं कि हर उम्मीदवार मेहनत के साथ सही तैयारी और आत्मविश्वास से सरकारी परीक्षाओं में कामयाब हो। ऐसे आयोजनों से युवाओं को न सिर्फ प्रेरणा मिलती है, बल्कि तैयारी के सही तरीके भी सीखने को मिलते हैं, ताकि वे हर चुनौती का डटकर सामना कर सकें।

भाजपा नेता कपिल विज ने बतौर मुख्यातिथि अमोलक पब्लिक स्कूल के वार्षिक खेल दिवस पर शिरकत की।*              

अम्बाला छावनी में दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अमोलक पब्लिक स्कूल में वार्षिक खेल दिवस 2024-25 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता व समाजसेवी कपिल विज ने अपने साथियों के साथ बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कपिल विज का स्वागत अमोलक स्कूल की डायरेक्टर मानसी घई ने किया। स्कूल के प्रांगण में प्रविष्ट होने पर छात्राओं के ग्रुप ने मार्च करते हुए कपिल विज जी की मंच तक अगुआई की। स्कूल स्टाफ द्वारा तिलक लगा कर कपिल जी का अभिनंदन किया गया। स्कूल की प्रिंसिपल ईला मालिक ने कपिल जी से दीप प्रज्वलित करवाया। कार्यक्रम में विभिन्न आयुवर्ग के छात्र और छात्राओं ने योगा और खेल से संबंधित नृत्य कार्यक्रमो का मनभावन प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में सभी छात्र व छात्राओं के अभिभावक भी उपस्थित रहे। स्कूल प्रिंसिपल ईला मलिक ने कपिल विज के पधारने का आभार जताया।

कपिल विज ने छात्रों के रंगारंग  कार्यक्रमों की जमकर प्रशंसा की और स्कूल द्वारा करवाए जा रहे छात्रों के सर्वांगीण विकास की सराहना की। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर बच्चों की प्रतिभा निखारने से ही भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा और भारत की नई उड़ान इन्हीं बच्चों ने भरनी है। कपिल विज ने कहा यह स्कूल बरसों से शिक्षा क्षेत्र में अपना मुकाम बनाये हुए है उन्होंने कहा कि इस स्कूल में शिक्षा के साथ साथ बच्चों के टैलेंट निखारने के कार्य भी किया जाता है।  इस अवसर पर कपिल विज के साथ विपिन खन्ना, इकबाल ढांडा, तरुण सेठी, बलित नागपाल, भारत कोछड़ और सचिन बुद्धिराजा उपस्थित रहे।

इस अवसर पर करवाई गई प्रतियोगिताओं के विजेताओं को समानित पदाधिकारी

भारत रत्न महामना पं०. मदनमोहन मालवीय जी जयन्ती 25.12.2024

श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, पंजाब (पंजी.) एवं श्री सनातन धर्म शिक्षा समिति (पंजी.) के तत्त्वावधान में भारत रत्न महामना पं०. मदन मोहन मालवीय जी की 163 वी जयंती के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 25 दिसम्बर 2024 को सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार में किया गया।

इस अवसर पर पूर्व संध्या पर अन्तः सनातन धर्म स्कूल की सामूहिक भजन गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड, हिमाचल के सनातन धर्म स्कूल की 11 टीमों ने भाग लिया। इस सामूहिक भजन प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ. रवि गौतम, डॉ. परमजीत कौर, डॉ. मधु शर्मा ने निभाई। इस प्रतियोगिता की संयोजिका डॉ. भारती बन्धु ने सुन्दर संयोजन किया। इस अवसर निबन्ध प्रतियोगिता भी करवाई गई जो कनिष्ठ और वरिष्ठ स्तर पर थी। जिसमें 250 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, शिक्षा समिति और महावीर दल पंजाब के पदाधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें विभिन्न सत्रों में सभा, समिति और महावीर दल के पिछले वर्ष में सम्पन्न कार्यों का ब्यौरा रखा और आगामी वर्ष के लिए होने वाले प्रकल्पों को बैठक में रखा और सबने उसका समर्थन किया।

मालवीय जी द्वारा स्थापित और त्यागमूर्ति गणेशदत्त जी द्वारा संरक्षित ये सभा आज भी शिक्षा, धर्म, समाज, राष्ट्र, और संस्कृति के प्रति पूरी तरह से समर्पित है।

25 दिसम्बर को मालवीय जी की जयंती पर सनातन धर्म की परम्परा का निर्वाह करते हुए सभा के प्रधान डॉ०. देशबन्धु जी के नेतृत्व में सर्वप्रथम हवन, यज्ञ किया गया। पूर्णाहुति के पश्चात सप्तऋषि आश्रम हरिद्वार में मालवीय जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। प्रसाद वितरण के बाद मालवीय को भजन और उनकी समृतियों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर सनातन धर्म शिक्षा समिति के संरक्षक पूर्ण सांसद श्री अविनाश राय खन्ना ने युवाओं को सनातन मूल्यों और शास्त्रों की जन कल्याण की भावनाओं के मूल को समझ उन्हें अपनाने की बात की। इस अवसर पर एस.डी.सी.सै.स्कूल अम्बाला छावनी श्री जगदेव सिंह एस.डी. संस्कृत कॉलेज, हरिद्वार और एस०डी० विद्या स्कूल अम्बाला छावनी के छात्रों ने भजन की प्रस्तुति की। इस अवसर पर छः मासिक पत्रिका सनातन सवंर्द्धिनी के दिसम्बर अंक का विमोचन भी किया गया। डॉ० देशबन्धु ने अपने भाषण में सभा एवं शिक्षा समिति की उपलब्धियों एवं भावी योजनाओं के बारे में बताया। महामन्त्री श्री उपेन्द्र शर्मा जी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया। अन्त में पुरस्कार वितरण में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।

निबन्ध लेखन में कनिष्ठ वर्ग पुरस्कार-

नाम

कक्षा 8वी

स्कूल नाम

स्थान

  1. लक्की

एस.डी.सी.सै.स्कूल, हिल रोड,

प्रथम

अम्बाला कैण्ट

  1. प्रियंका

6ठी

एच.एस.डी. गर्ज.सी.सै.स्कूल,

दूसरा

गुरदासपुर

  1. हेतल

6ठी

एच.एस.डी.गर्ज.सी.सै. स्कूल, गुरदासपुर

तीसरा

निबन्ध लेखन में वरिष्ठ वर्ग के पुरस्कार-

नाम

कक्षा 11वी

स्कूल नाम

स्थान

  1. कनन

मनीष पपनेजा मैमोरियल पब्लिक स्कूल, प्रथम

इस्माईलाबाद

  1. दीपिका

10वी

एच.एस.डी. गर्ज.सी.सै. स्कूल, गुरदासपुर

दूसरा

  1. सूरज

10वी

एच.एस.डी. गर्ज.सी.सै. स्कूल, गुरदासपुर

तीसरा

भजन प्रतियोगिता का परिणाम –

  1. एस.डी.सी.सै.स्कूल, अम्बाला कैण्ट
  2. एस.डी. विद्याा स्कूल, अम्बाला कैण्ट
  3. श्री मिथिलेश एस.डी. इन्टर कॉलेज, कनखल
  4. श्री जगदेव एस.डी. संस्कृत कॉलेज, हरिद्वार
  5. मनीष पपनेजा मैमोरियल स्कूल, इस्माइलाबाद

5.

जी.जी.डी.एस.डी.सी.सै. स्कूल. हरियाणा, होशियारपुर तृतीय

प्रथम

द्वितीय

द्वितीय

तृतीय

प्रोत्साहन

दोनों प्रतियोगिताओं के सभी प्रतिभागियों को भी प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार दिए गए। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।