Lohri

आर्य  गर्ल्ज   कॉलेज, अंबाला छावनी में यूथ क्लब द्वारा लोहड़ी का पर्व बड़े धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनुपमा आर्य द्वारा लोहड़ी की पवित्र अग्नि प्रज्वलित कर सभी के साथ अग्नि की परिक्रमा कर तिल, मूंगफली, रेवड़ी और मक्के की आहुति देकर किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा की लोहड़ी न केवल एक पर्व है बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। खासतौर पर यह किसानों की कड़ी मेहनत और नई फसल की खुशियों को समर्पित होता है। यह पर्व हमें एकता, भाईचारे, प्रकृति और कृषि के प्रति कृतज्ञता का संदेश देता है। इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि यह पर्व हमें हमारी जड़ों और परंपराओं से जोड़ता है। यह पर्व मुख्यतः सर्दियों के अंत और नई फसल की शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है और विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत में कृषि समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन किसान अपनी फसलों के तैयार होने की खुशी का उत्सव मनाते हैं। उन्होंने इस अवसर पर दूल्हा भट्टी की प्रेरणादायक कहानी भी सांझा की और बताया कि दूल्हा भट्टी ने इस दिन गरीब लड़कियों की शादियों का आयोजन किया था और उन्होंने समाज में सम्मान देने का काम किया आज भी लोहड़ी के गीतों में उनकी वीरता का जिक्र होता है और यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें दूसरों की मदद के लिए हमेशा आगे आना चाहिए। महाविद्यालय में इस प्रकार के आयोजनों से हमारे विद्यार्थियों को अपनी परंपराओं और संस्कृतियों को करीब से समझने का अवसर मिलता हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी को लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं दी।
इस कार्यक्रम में छात्राओं और स्टाफ सदस्यों के द्वारा सुंदर मंुदरियें एंवम् लोकगीत गाए और ढोल की ताल पर भांगड़ा, गिददा के साथ इस पर्व को धूमधाम से मनाया। इस अवसर सभी ने एक दूसरे को लोहड़ी पर्व की बधाई दी। यह कार्यक्रम यूथ क्लब के सदस्य प्रोफेसर सिल्वी अग्रवाल, डॉ. शची शुक्ला, डॉ. सरिता  चौधरी , डॉ. प्रिया शर्मा और डॉ. अनु वर्मा की देखरेख में हुआ। इस कार्यक्रम में स्टाफ के सभी सदस्य और छात्राएं सम्मिलित हुई।