
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष एडवोकेट रोहित जैन बोले मानवीयता के लिए कठोर तप करने वाले संतों को अराजक तत्वों ने बनाया निशाना, हमलावरों के खिलाफ पुलिस करे गहन जांच
अंबाला। मध्यप्रदेश में तीन जैन संतों पर हुए हमले की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष एडवोकेट रोहित जैन ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अराजक तत्व अब संतों को भी निशाना बना रहे हैं। इस मामले में जैन ने मध्यप्रदेश सरकार से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया है ताकि भविष्य में कोई भी अराजक तत्व ऐसे किसी भी समाज के संत के साथ ज्यादती न कर सके। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट
एडवोकेट रोहित जैन ने बताया कि रविवार को मध्यप्रदेश के नीमच जिले के काछला गांव में कुछ अराजक तत्वों ने जैन समाज के संत शैलेष मुनि, मुनिंद्र मुनि व बलभद्र मुनि पर शराब के नशे में हमला किया था। हमले में तीनों जैन संत बुरी तरह जख्मी हो गए थे। मुश्किल से तीनों संतों की जान बची। हमलावरों ने संतों के सिर, पीठ व हाथों पर घातक हमला किया। इसी वजह से एक संत की उंगली भी टूट गई। एडवोकेट रोहित जैन ने बताया कि बदमाशों के हमले में जख्मी हुए तीनों संतों का ताल्लुक ज्ञानगच्छ समुदाय से है। इस समुदाय के संत मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते, माइक पर बोलने से सख्त परहेज करते हैं, किसी के साथ अपनी फोटो नहीं खिंचवाते न ही रात में किसी को अपने शरीर को हाथ लगाने देते हैं। जैन ने बताया कि इसी वजह से तीनों संतों ने जख्मी होने के बावजूद अपना उपचार करवाने से मना कर दिया। न ही किसी को अपने शरीर को हाथ लगाने दिया। उपचार के लिए भी दो संत जख्मी होने के बावजूद छह किलोमीटर पैदल चले जबकि बुरी तरह जख्मी संत मुनिंद्र मुनि को ठेलागाड़ी पर ले जाया गया। सोमवार सुबह होने पर तीनों संतों का चिकित्सकों ने उपचार किया। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट रोहित जैन ने कहा कि नशाखोरी की प्रवृति के कारण युवा अपने रास्ते से भटक गए हैं। इसी वजह से शराब के नशे में संतों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि जैन समाज के संत हमेशा मानवीयता से प्रेम करते हैं। वे मानव का भला करने के लिए अपना सब कुछ त्यागकर कठोर जीवन जीते हैं। इसके बावजूद ऐसे संतों को निशाना बनाया जाना बेहद दुखदायी है। एडवोकेट रोहित जैन ने कहा कि पूरा जैन समाज इस घटना की निंदा करता है। बेशक पुलिस ने सभी हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन उनकी इस हरकत की गहन जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके कि किन हालात में संतों पर हमला किया गया है।