— कम से कम सात दिन तक सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों से रहेंगे दूर
अम्बाला/चंडीगढ़, 20 जून — हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज को असहनीय दर्द के बाद कराए गए एक्स‑रे में पैर के अंगूठे (टू हॉलक्स) में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों ने मंत्री को कम से कम एक सप्ताह तक पूर्ण बेड रेस्ट का परामर्श दिया है।
चिकित्सकीय रिपोर्ट के मुताबिक, गत कुछ दिनों से वे लगातार दर्दनिवारक दवाएं लेते रहे, किंतु सूजन और पीड़ा बढ़ती देख डॉक्टर से परामर्श लिया। जांच में हल्के‑से खिसके हुए फ्रैक्चर का पता चला, जिसके उपचार हेतु फ़िलहाल प्लास्टर एवं सख़्त विश्राम अनिवार्य बताया गया है।
कामकाज पर प्रभाव
सदैव ‘फील्ड‑वर्क’ के लिए मशहूर श्री विज अब आगामी सात‑दस दिन तक मंत्रालयीय बैठकों व सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग नहीं ले पाएंगे। विभागीय सूत्रों ने बताया कि ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग से जुड़ी रोज़मर्रा की फाइलें अस्थायी रूप से अतिरिक्त मुख्य सचिव के माध्यम से निपटेंगी, जबकि नीतिगत फ़ैसलों के लिए वे वीडियो कॉन्फ़्रेंस का सहारा ले सकते हैं।
दर्द से लेकर जांच तक
- शुरुआती चरण में हल्का दर्द मानकर सेल्फ‑मेडिकेशन करते रहे।
- दर्द तेज़ होते ही निजी चिकित्सक से संपर्क किया; तुरंत एक्स‑रे कराया गया।
- रिपोर्ट में ‘मेटाटार्सल‑फैलैंजियल जंक्शन’ पर हेयरलाइन फ्रैक्चर मिला।
- चिकित्सकों ने फ़िलहाल सर्जरी की आवश्यकता न बताकर स्टेबलाइज़िंग कास्ट और आराम की सलाह दी।
समर्थकों ने जताई शुभकामनाएं
बीजेपी कार्यकर्ताओं व अनिल विज समर्थकों ने सोशल मीडिया पर ‘गेट वेल सून’ संदेशों की बाढ़ ला दी। स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए प्रदेश के कई मंत्रियों व विपक्षी नेताओं ने भी ट्वीट कर शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।
डॉक्टरों की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि तक़रीबन तीन‑चार सप्ताह तक अत्यधिक चलना‑फिरना जोखिम भरा हो सकता है। लापरवाही बरतने पर हड्डी दोबारा खिसकने की आशंका बनी रहती है। इसलिए संपूर्ण रिकवरी तक ‘वेट‑बेयरिंग’ गतिविधियों से बचना और कैल्शियम‑समृद्ध आहार लेना जरूरी है।
आगे क्या?
- एक सप्ताह बाद पुनः एक्स‑रे कर स्थिति की समीक्षा होगी।
- दर्द व सूजन नियंत्रित रहने पर धीरे‑धीरे फिजियोथेरेपी शुरू की जाएगी।
- दो‑तीन हफ़्तों में मंत्री की सीमित सार्वजनिक उपस्थिति संभव, बशर्ते रिपोर्ट अनुकूल आए।
राजनीतिक गलियारों में सक्रिय और बेलाग बोल के लिए चर्चित अनिल विज की अस्वस्थता ने जहां समर्थकों को चिंता में डाल दिया है, वहीं सरकारी महकमे ने उनकी ग़ैरहाज़िरी की भरपाई के लिए वैकल्पिक कार्ययोजना लागू कर दी है। फिलहाल सबकी नज़र मंत्री के अगले मेडिकल रिव्यू पर टिकी है।