अम्बाला 20 जून 2025: अम्बाला पुलिस ने अपराधों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत थाना साहा क्षेत्र में भ्रूण लिंग जांच (सेक्स डिटर्मिनेशन) मामले में 19 जून 2025 को बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर आकाश, निवासी नौरंगपुर जिला सहारनपुर (यूपी), को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में अब तक कुल चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
मामले की शिकायत 8 फरवरी 2024 को डिप्टी सिविल सर्जन अम्बाला ने दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि 1 अगस्त 2023 को आरोपी किरणदास, अवनीश कुमार, नरिन्द्र कुमार और अन्य ने गाँव मलिकपुर में धोखाधड़ी से भ्रूण लिंग जांच कराई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को काबू किया था।
क्या है भ्रूण लिंग जांच कानून?
भारत में भ्रूण लिंग जांच को रोकने के लिए “पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994” लागू है। इस कानून के तहत गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करना या करवाना पूरी तरह से प्रतिबंधित और दंडनीय अपराध है।
कानून की मुख्य बातें
किसी भी डॉक्टर, लैब कर्मी, क्लीनिक या आम व्यक्ति द्वारा भ्रूण लिंग जांच करना या कराना गैरकानूनी है।
अल्ट्रासाउंड या अन्य तकनीकों के जरिए लिंग जांच की अनुमति नहीं है, सिवाय मेडिकल जरूरतों के।
भ्रूण लिंग जांच से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी देना, इशारा करना या प्रचार करना भी अपराध है।
सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का PCPNDT एक्ट के तहत पंजीकरण अनिवार्य है।
क्या है सजा का प्रावधान?
PCPNDT अधिनियम के तहत भ्रूण लिंग जांच करने या करवाने पर कठोर सजा का प्रावधान है:
पहली बार अपराध साबित होने पर:
तीन से पांच साल तक की जेल
10,000 से 50,000 रुपये तक का जुर्माना
दोबारा अपराध करने पर:
पांच साल तक की जेल
50,000 रुपये तक का जुर्माना
भ्रूण लिंग जांच करवाने वाले व्यक्ति (माता-पिता या अन्य) को भी सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
दोषी पाए जाने पर संबंधित क्लीनिक या डॉक्टर का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
अम्बाला पुलिस की यह कार्रवाई न केवल कानून के सख्त प्रवर्तन का उदाहरण है, बल्कि समाज में भ्रूण लिंग जांच जैसी कुरीतियों के खिलाफ सख्त संदेश भी देती है। PCPNDT अधिनियम के तहत इस अपराध में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को कठोर सजा और आर्थिक दंड का सामना करना पड़ सकता है, जिससे देश में लिंगानुपात सुधारने और कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रयासों को मजबूती मिलती है।