अंबाला शहर में पहली बारिश के बाद भारी जलभराव से नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रिपल इंजन सरकार और नगर निगम की मेयर शैलजा सचदेवा द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावों के बावजूद शहर की सड़कों पर जलभराव की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। चुनाव के दौरान सरकारी अधिकारियों और मेयर ने अंबाला को बरसाती पानी से मुक्त कराने के वादे किए थे, लेकिन अब उन वादों का कोई असर नहीं दिख रहा।
बारिश के बाद शहर के कई मुख्य बाजार, मोहल्ले और सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। वाहन धीमी गति से चलते दिखे, तो कहीं लोग पैदल पानी पार करते नजर आए। नालों की सफाई न होने की वजह से पानी सड़कों पर जमा हो गया और खुले नालों में गिरे वाहन और लोग भी देखे गए।
स्थिति यह है कि जो नगर निगम और मेयर की जिम्मेदारी है, वही नगर निगम और प्रशासन खुद जलभराव के शिकार हो गए हैं। लोग, व्यापारी और विपक्षी नेता नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। बड़े-बड़े वादे और खूब फोटोशूट के बावजूद आज जलभराव ने शहर का पूरा माहौल बिगाड़ दिया है।
कांग्रेस नेता इशू गोयल ने कहा कि नगर निगम की उदासीनता और प्रशासन की लापरवाही के कारण ही ये स्थिति बनी है। इन्होंने आरोप लगाया कि मेयर ने केवल चुनाव के दौरान ही लोगों से बातें की थीं, अब वे लोगों के बीच नहीं दिखतीं।
शहर के दुकानदार भी नाराज़ हैं। उनका कहना है कि मेयर के वादे केवल दिखावे के लिए थे और उनका कोई ठोस असर नहीं हुआ। बारिश के कारण व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है और इससे उनकी आमदनी पर भी बड़ा असर पड़ा है।
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि विकास के नाम पर केवल दावे ही किये गए, लेकिन नियमित रोकथाम और जल निकासी के लिए कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई। इस वर्ष होने वाली तेज बारिशों को देखते हुए प्रशासन को समय रहते उचित कदम उठाने की जरूरत है, नहीं तो भविष्य में जलभराव की समस्या और गंभीर हो जाएगी।
अंबाला के नागरिक इस जलभराव के खिलाफ प्रशासन से राहत और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। नगर निगम को चाहिए कि वह तत्काल नालों की सफाई, सड़क मरम्मत और जल निकासी की उचित व्यवस्था करे ताकि आने वाले दिनों में बारिश का पानी शहर में खड़ा न हो।
इस जलभराव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बड़े वादे करने से बेहतर है जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देकर उनकी समस्या का समाधान करना। जब तक प्रशासन बुनियादी सुविधाओं को सुधारने में नाकाम रहेगा, तब तक जनता को इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता रहेगा।