“जीव के पापों का नाश करती है श्रीमद् भागवत कथा”-पथिक
अम्बाला छावनी के डिफेंस कालोनी मैं चल रही श्री मद भागवत कथा के दूसरे दिन
कथा व्यास भाई प्रेम सागर जी “पथिक” ने
धर्मप्रेमियों को सम्बोधित करते हुए कहे। प्रेम सागर जी के मंच पर पधारने पर समिति के सदस्यों ने माल्यापर्ण कर भव्य स्वागत् किया। सुनील यादव सुमन यादव ने ज्योति प्रज्वलित कर आज की कथा का शुभारंभ किया। आज के सत्र को आरंभ करते हुए भाई प्रेम सागर “पथिक” ने कहा कि जीव को जब परमात्मा की कृपा से संत मिलते हैं। तब संत कृपा से ही भगवंत मिलते हैं। उन्होंने कहा कि जिसकी कोई भी बात रद्द न हो, वो ही नारद हैं। नारद जी के परम गुरू हैं जो जीव को परमात्मा से मिलने का मार्ग दिखाते हैं। पथिक जी ने कहा कि अपने मन को भगवान् के भजन में लगाओ, अगर ये इधर उधर भागे तो इसे खीच कर भजन की याद दिलाओ। इस तरह धीरे-2 मन को भज़न करने की आदत बन जाएगी। उन्होंने कहा कि सत्य ही परमात्मा है। सत्य और परमात्मा एक हैं। जहाँ सत्य है वहीं परमात्मा है। असत्य बोलने से पुण्यों का क्षय होता है। प्रेम सागर जी ने कहा कि परीक्षित जैसे धर्म परायण राजा की बुद्धि में काल के स्पर्श से विकार आ गया और उसने मुनिवर के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया और फिर उसे श्रापग्रस्त होना पड़ा। उन्होंने कहा कि शुकदेव जैसे संत ही जीव की मृत्यु को सुधार सकते हैं। प्रेम सागर ने कहा कि कामांध होकर संसार सागर में डूबने के लिए गृहस्थाश्रम नहीं है। कर्दम ऋषि और देवहूति की तपश्चर्या और आतुरता से भगवान् उनके यहाँ पुत्र रुप से आए। उन्होंने कहा कि सत्कर्म करते समय भाव भी शुद्ध रखो। शुद्ध भाव रखना ही सबसे बड़ा तप है अन्यथा उसक भी दक्ष प्रजापति जैसा होगा जिसने शिवजी के प्रति कुभाव रखा जो उसी को मारने वाला बना इस अवसर पर सुशील राणा ममता राणा दिनेश कुमार सोनिया राणा सविता राणा मोहित राणा शालू अखिल कुमार आशीष कुमार साक्षी शर्मा किरण मेहता दीक्षा शर्मा व अन्य मौजूद रहे