राधा-कृष्ण प्रेम में यदि आप विश्वास करेंगे तो उसका अलौलिक उपहार आपको सारे वर्ष मिलेगा : ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज
वेलेंटाइन डे पश्चिमी सभ्यता का प्रतीक जबकि राधा-कृष्ण प्रेम हमारी सभ्यता का आलोकिक प्रेम माना गया
अम्बाला/चंडीगढ़, 08 फरवरी –
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने लोगों से वैलेंटाइन डे के बजाय राधा-कृष्ण दिवस पर अपने प्रेम का इजहार करने का आग्रह किया।
श्री विज ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि “यदि आपके पास प्रेम है और आप इसे व्यक्त करना चाहते हैं, तो यह वैलेंटाइन डे पर नहीं बल्कि “राधा कृष्ण” दिवस पर होना चाहिए, उनका शाश्वत प्रेम पूरे वर्ष उपहार के रूप में स्वर्गीय आशीर्वाद देता है।”
इसको लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने एक्स पर पोस्ट भी किया है। उन्होंने कहा राधा-कृष्ण का प्रेम शास्वत प्रेम है, यदि आप उसमें विश्वास करेंगे तो उसका अलौलिक उपहार सारे वर्ष मिलेगा। उन्होंने कहा ‘‘आपके मन में प्यार है और आप इसे व्यक्त करना चाहते हैं, तो यह वैलेंटाइन डे पर नहीं होना चाहिए, बल्कि यह ‘राधा कृष्ण’ दिन होना चाहिए, वह शाश्वत प्रेम है उस पर विश्वास करते हो तो उसका अलौकिक उपहार सारे वर्ष मिलेगा’’।
उन्होंने कहा कि कई लोग नहीं जानते कि वेलेंटाइन कौन है जबकि राधा-कृष्ण रोम-रोम में समाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि “मैं कहने की कोशिश कर रहा हूं कि अगर प्यार कर इजहार करना है तो इजहार करने का दिन वह राधा- कृष्ण का दिन है और उससे पवित्र, अलौकिक प्यार का और कोई दिन नहीं हो सकता’’। उस दिन यदि प्यार का इजहार करोगे तो उनकी अनुकंपा का उपहार सारे वर्ष आप पर कृपा बरसाएगा।
पश्चिमी सभ्यता का प्रतीक वेलेंटाइन डे, राधा-कृष्ण प्रेम हमारी श्रद्धा एवं परंपरा
गौरतलब है कि वेलेंटाइन डे पश्चिमी रोम सभ्यता का प्रतीक है जोकि संत वैलेंटाइन की याद में वेलेंटाइन डे जाता है जिन्होंने प्रेम व विवाह के समर्थन में आवाज उठाई थी और उन्हें उस समय सम्राट क्लॉडियस ने 14 फरवरी मृत्युदंड दिया था। मगर हमारी भारतीय सभ्यता इससे पुरानी है जिसमें राधा-कृष्ण प्रेम को अलौकिक, श्रद्धा, निस्वार्थ एवं शुद्ध भावना के तौर प्रेम माना गया है।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने लोगों को हमारी परंपरा अनुसार इसे मनाने का अनुरोध लोगों से किया है ताकि इसका आलोकिक उपहार हमें प्राप्त हो।