भाखड़ा नहर से पानी के बंटवारे को लेकर हरियाणा और पंजाब सरकार के बीच 3 दिन से सीधी लड़ाई चल रही है। AAP सरकार इसको लेकर चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में ऑल पार्टी मीटिंग कर रही है। इसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ व पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया शामिल हुए हैं।
सत्ताधारी AAP के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा, कांग्रेस से पूर्व मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा व राणा केपी और अकाली दल से वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ और दलजीत चीमा शामिल हुए हैं। अभी CM भगवंत मान सभी नेताओं को स्थिति के बारे में बता रहे हैं। वहीं पंजाब भाजपा AAP सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी।
वहीं इसको लेकर हरियाणा सरकार हाईकोर्ट में भी जाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक एडवोकेट जनरल को ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा गया है।
पानी विवाद से जुड़े 2 बड़े अपडेट्स…
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चीफ सेक्रेटरी बुलाए: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आज नई दिल्ली में मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल के मुख्य सचिव तलब किए गए हैं। पंजाब के मुख्य सचिव के छुट्टी पर होने के चलते गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर व जल विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार मीटिंग में शामिल होंगे। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी व केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सीनियर अफसर इस मामले पर नजर रखे हुए हैं।
- हरियाणा में अधिकारियों के हेडक्वार्टर छोड़ने पर रोक: वहीं हरियाणा में पानी के संकट को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को किसी भी हालत में हेडक्वार्टर ना छोड़ने को कहा है। उन्होंने आदेश दिया कि जहां पानी की किल्लत है, वहां दूसरी जगह से पानी लेकर उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में दिक्कत ज्यादा है। पेयजल की राशनिंग की जा रही है।
हरियाणा और पंजाब में पानी के विवाद की वजह क्या..
बता दें कि पंजाब ने करीब 18 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं।