
अम्बाला छावनी 7 मई 2025
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और संभावित आपात स्थिति को देखते हुए अम्बाला छावनी में सुरक्षा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जा रहा है। इसी कड़ी में सिविल अस्पताल अम्बाला छावनी में कल (7 मई) शाम 7:50 बजे ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। इस दौरान अस्पताल के बाहर का पूरा क्षेत्र एहतियातन खाली करवा लिया गया।
यह कार्रवाई सिविल अस्पताल चौकी के एसआई नायाब सिंह की निगरानी में की गई, जिन्होंने स्थानीय पुलिसकर्मियों और सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
ब्लैकआउट अभ्यास क्यों जरूरी?
ब्लैकआउट का उद्देश्य संभावित हवाई हमले या दुश्मन की जासूसी कार्रवाई से बचाव करना होता है। किसी भी तरह की रात के समय की हवाई गतिविधि को चकमा देने के लिए शहर की रोशनी बंद की जाती है ताकि लक्ष्य चिह्नित करना कठिन हो जाए।
एसआई नायाब सिंह ने बताया:
“देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। पाकिस्तान की ओर से किसी भी संभावित हरकत के मद्देनज़र हमने सिविल अस्पताल के बाहर का क्षेत्र एहतियातन खाली करवाया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।”
अस्पताल के कार्यों पर प्रभाव नहीं पड़ा
ब्लैकआउट के दौरान इमरजेंसी सेवाएं यथावत जारी रहीं। अस्पताल प्रबंधन ने जनरेटर और बैकअप लाइट्स के सहारे इलाज में कोई रुकावट नहीं आने दी।
प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि मरीजों, तीमारदारों और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
नागरिकों से अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी अभ्यास के दौरान संयम बनाए रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।
निष्कर्ष:
देश की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर तैयारी जरूरी है। अम्बाला छावनी के सिविल अस्पताल की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि आपदा की घड़ी में प्रशासन सजग और सक्रिय है। नागरिकों को भी सतर्क रहकर इन प्रयासों में सहयोग देना चाहिए।