अंबाला छावनी। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र अंबाला छावनी क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानीय अस्पतालों में खिड़कियों पर काले पर्दे और काली पट्टियाँ लगाई जा रही हैं, ताकि संभावित ब्लैकआउट की स्थिति में अस्पतालों की रोशनी बाहर न जा सके और कोई भी बाहरी हमला अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह को निशाना न बना सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम पूरी तरह सुरक्षा के मद्देनज़र उठाया गया है। “ब्लैकआउट के समय रोशनी का बाहर जाना खतरे को न्योता दे सकता है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी प्रकाश बाहर न पहुंचे,” उन्होंने कहा।
प्रशासन ने मांगा जनता का सहयोग
प्रशासन ने आम नागरिकों से भी ब्लैकआउट की स्थिति में सहयोग की अपील की है। ब्लैकआउट अभ्यास या वास्तविक स्थिति में नागरिक निम्नलिखित सावधानियाँ अपनाकर सहयोग कर सकते हैं:
- रात के समय घर की लाइटें बंद रखें या खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढँक दें
- बाहरी लाइट्स (गेट, बालकनी आदि की) बंद कर दें
- वाहन चलाते समय हेडलाइट्स का प्रयोग अत्यंत आवश्यकता होने पर ही करें
- मोबाइल फोन या टॉर्च की लाइट को खुले में प्रयोग न करें
- प्रशासन या सेना द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें
प्रशासन द्वारा शहर में समय-समय पर ब्लैकआउट अभ्यास (Mock Drill) भी कराया जा सकता है, ताकि नागरिक किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें।
अस्पतालों, सैन्य प्रतिष्ठानों और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर भी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। फिलहाल अंबाला छावनी पूरी तरह सतर्क और तैयार है, और प्रशासन नागरिकों से संयम और सहयोग बनाए रखने की अपील कर रहा है।