साक्षी बनीं प्रथम विजेता | अध्ययन संस्कृति को मिलेगा नया आयाम

अम्बाला छावनी, 2025 – शिक्षा और पठन-पाठन के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करते हुए आर्य गर्ल्ज कॉलेज, अम्बाला छावनी ने हरियाणा के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में पहली बार ‘श्री कृष्ण लाल वर्मा स्मृति पुस्तकालय सर्वश्रेष्ठ उपयोगकर्त्ता पुरस्कार 2024-25’ की शुरुआत की है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य छात्रों में अध्ययन संस्कृति को बढ़ावा देना और पुस्तकालय के उपयोग को प्रेरित करना है।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुपमा आर्य की अगुवाई में हुआ, जिन्होंने यह पुरस्कार अपने पूज्य पिता श्री कृष्ण लाल वर्मा जी की स्मृति में आरंभ किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अशोक वर्मा (श्री वर्मा जी के सुपुत्र) थे, जिनका स्वागत डॉ. आर्य ने स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। इस मौके पर परिवार के अन्य सदस्य, जैसे श्री प्रमोद कपिला, श्रीमती सविता बजाज और प्रो. एम.पी.के. शर्मा भी उपस्थित रहे।
पुरस्कार समारोह की गरिमा को बढ़ाते हुए, डॉ. अनुपमा आर्य ने कहा,
“यह पुरस्कार केवल स्मृति नहीं, एक विचार की अभिव्यक्ति है। श्री वर्मा जी का मानना था कि पढ़ना केवल परीक्षा पास करने का साधन नहीं बल्कि जीवन को प्रकाशित करने वाला दीपक है।”
उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में जब गंभीर अध्ययन की प्रवृत्ति कम होती जा रही है, ऐसे समय में पुस्तकालय विचार, समाधान और नवचिंतन की भूमि बन कर उभरते हैं।
श्री कृष्ण लाल वर्मा जी की शैक्षणिक, सामाजिक और औद्योगिक योगदानों को भी समारोह में भावभीनी श्रद्धांजलि के रूप में याद किया गया। वे आर्य गर्ल्ज कॉलेज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और 10 वर्षों तक प्रबंध समिति के अध्यक्ष रहे। शिक्षाविद, वैदिक संस्कृति के प्रचारक और उद्योग जगत के कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने समाज को अमूल्य योगदान दिया। हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल डॉ. ए.आर. किदवई द्वारा उन्हें “अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस” से सम्मानित किया गया था।
पुरस्कार विजेता: सुश्री कुमारी साक्षी
इस वर्ष का “सर्वश्रेष्ठ उपयोगकर्त्ता पुरस्कार” बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा सुश्री कुमारी साक्षी को प्रदान किया गया, जिन्होंने पुस्तकालय के संसाधनों का नियमित और श्रेष्ठतम उपयोग किया। उन्हें प्रमाण-पत्र व नकद पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। साक्षी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,
“पुस्तकालय की अध्ययन सामग्री मेरे लिए अत्यंत उपयोगी रही है और स्टाफ का सहयोग भी अत्यंत सराहनीय है।”
प्रशंसनीय आयोजन
समारोह का संचालन डॉ. प्रगति शर्मा, प्रो. शीनम, डॉ. गुरमीत, और मुकेश कुमार के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. प्रिया शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा,
“आज जब डिजिटल माध्यमों ने पुस्तक अध्ययन को पीछे छोड़ दिया है, ऐसे प्रयास छात्रों को फिर से पुस्तकालय की ओर आकर्षित करेंगे।”
इस प्रेरणादायक पहल से न केवल आर्य गर्ल्ज कॉलेज में अध्ययनशीलता को नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह हरियाणा भर के अन्य संस्थानों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा। यह पुरस्कार युवा विद्यार्थियों में ज्ञान के प्रति निष्ठा, अनुशासन और नियमित अध्ययन की भावना को सशक्त करेगा।
पुस्तकालय स्टाफ भी पूर्ण रूप से सहयोग प्रदान करता है। इस अवसर पर स्टाफ के सभी सदस्य और छात्राएं उपस्थित रहे।
यह पहल दिखाती है कि जब शिक्षा और स्मृति मिलती हैं, तो समाज में प्रेरणा और बदलाव की बुनियाद रखी जाती है।