
अम्बाला छावनी, 24 मई 2025:
ट्रिब्यून बाग और दयालबाग क्षेत्र के रहवासियों की शिकायत पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कल (23 मई) को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए थे। शिकायत में कहा गया था कि ब्रह्मकुमारी आश्रम के पास, एकअलमारियों की दुकान के पास रिहायशी इलाके में अवैध रूप से मोबाइल टावर लगाया जा रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
मंत्री विज से नागरिकों ने व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर यह विषय उठाया था और उन्होंने अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद आज (24 मई) को भी टावर लगाने का काम जारी है। इससे स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जिस स्थान पर टावर लगाया जा रहा है, वहां आसपास गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्ग और महिलाएं रहती हैं। रेडिएशन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम को लेकर लोग डरे हुए हैं।
स्थानीय निवासी पृथ्वीराज मेहता (रिटायर्ड डीएफ कमांडेंट), राजकुमारी त्रिवेदी, सुनीता वर्मा, सुषमा बंसल, संगीता शर्मा, अमित शर्मा समेत कई लोगों ने इस टावर को हटाने और ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
निवासियों का सवाल है कि जब मंत्री ने खुद कार्रवाई के आदेश दिए हैं, तो अधिकारी क्यों नहीं जागे? क्या आम नागरिकों की चिंता प्रशासन के लिए कोई मायने नहीं रखती?
नगर परिषद और संबंधित विभाग की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बना रही है। अब देखना यह है कि क्या सरकार के आदेशों का वास्तव में कोई असर होगा, या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
📡 मोबाइल टावर की रेडिएशन से होने वाले संभावित नुकसान:
मोबाइल टावर से निकलने वाला EMF (Electromagnetic Field) Radiation एक प्रकार का नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन होता है। यह सीधे डीएनए को क्षति नहीं पहुंचाता, लेकिन लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
🚨 संभावित स्वास्थ्य नुकसान:
- नींद की समस्या (Insomnia)
- सिरदर्द व माइग्रेन
- थकावट, चिड़चिड़ापन
- एकाग्रता में कमी
- दिल की धड़कन में अनियमितता
- त्वचा में जलन या एलर्जी
- हार्मोनल असंतुलन
- बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर अधिक प्रभाव
- कुछ अध्ययन कैंसर (विशेषकर ब्रेन ट्यूमर) के संभावित खतरे की भी बात करते हैं
⚖️ भारत में मोबाइल टावर लगाने के नियम:
📜 DoT (Department of Telecommunications) के दिशा-निर्देश:
- रेजिडेंशियल एरिया में टावर लगाने के लिए रेजिडेंट्स की सहमति जरूरी होती है।
- स्कूल, हॉस्पिटल, ओल्ड-एज होम आदि के पास टावर लगाना अनुचित माना जाता है।
- Radiation level 0.45 µW/cm² से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- सभी टावरों को समय-समय पर टेस्ट करना होता है (EMF Compliance)।
- टावर पर RF Hazard Warning बोर्ड लगाना अनिवार्य है।
🏥 स्वास्थ्य विभाग व WHO (World Health Organization) का क्या कहना है:
- WHO का कहना है कि मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन सीमित स्तर तक “possibly carcinogenic” (शायद कैंसरकारक) हो सकता है।
- ICNIRP (International Commission on Non-Ionizing Radiation Protection) की गाइडलाइन के अनुसार, लंबे समय तक और बहुत नजदीक से एक्सपोजर स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकता है।
- भारत सरकार का स्वास्थ्य विभाग भी कहता है कि रेजिडेंशियल एरिया में रेडिएशन के स्तर को नियंत्रित रखना अनिवार्य है, और किसी भी संदेह की स्थिति में रेडिएशन ऑडिट करवाना चाहिए।
✅ आप क्या कर सकते हैं अगर आपके इलाके में टावर लग रहा है:
- RTI के माध्यम से NOC की जानकारी लें।
- EMF रेडिएशन की जांच के लिए DoT की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें।
- नगर परिषद और जिला प्रशासन को लिखित आपत्ति दें।
- स्वास्थ्य विभाग को खत लिखें या रिपोर्ट करें।