
पंचकूला, 27 मई 2025 – हरियाणा के पंचकूला से एक बेहद हृदयविदारक और चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। देहरादून से आए एक ही परिवार के सात सदस्यों ने एक साथ ज़हर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। यह दुखद घटना पंचकूला के सेक्टर 27 में हुई, जहां सभी मृतकों के शव एक बंद कार में बरामद हुए।
घटना का विवरण:
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतकों में देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल (उम्र 42 वर्ष), उनके माता-पिता, उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा शामिल हैं। यह पूरा परिवार बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में भाग लेने पंचकूला आया था। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद यह परिवार देहरादून लौटने की तैयारी में था, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया।
पुलिस के अनुसार, सभी ने ज़हर खाकर आत्महत्या की। उनका शव सेक्टर 27 के एक मकान के सामने खड़ी एक बंद कार में मिला। प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। गाड़ी से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है, जिसमें परिवार ने भारी कर्ज और लगातार आर्थिक तंगी से परेशान होकर यह कदम उठाने की बात कही है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही पंचकूला पुलिस और प्रशासन सक्रिय हो गया। डीसीपी हिमाद्री कौशिक और डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित दहिया तुरंत मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जरूरी साक्ष्य एकत्र किए हैं। कार की गहन जांच की जा रही है, ताकि आत्महत्या के पीछे की परिस्थितियों को पूरी तरह स्पष्ट किया जा सके।
सभी मृतकों के शव पंचकूला के निजी अस्पतालों के शवगृह में रखवाए गए हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग, भाषा और उसमें दिए गए तथ्यों की भी जांच की जा रही है ताकि यह पुष्टि की जा सके कि यह आत्महत्या का मामला है या किसी अन्य कोण से भी जांच की आवश्यकता है।
सामाजिक और मानसिक पहलू:
यह घटना न केवल एक परिवार की निजी त्रासदी है, बल्कि यह समाज के सामने आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। एक पढ़ा-लिखा, संस्कारी और धार्मिक प्रवृत्ति का परिवार इस तरह सामूहिक आत्महत्या करने को मजबूर हो जाए, यह बेहद चिंताजनक है।
इस घटना से यह साफ है कि मानसिक तनाव और आर्थिक संकट जैसी समस्याएं आज हर वर्ग को प्रभावित कर रही हैं। यदि समय रहते परिजन, समाज या सरकार की ओर से सहायता मिलती, तो शायद इस परिवार को बचाया जा सकता था।
क्या कहता है समाज?
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कितनी गंभीर लापरवाही है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों के लिए सरकार को राहत योजनाएं और परामर्श सेवाएं उपलब्ध करानी चाहिए।
समापन विचार:
इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक ही परिवार के सात लोगों की इस तरह सामूहिक आत्महत्या कोई साधारण बात नहीं है। यह एक सामाजिक चेतावनी है, जो हमें मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक दबाव और संवेदनशीलता जैसे मुद्दों पर फिर से सोचने को मजबूर करती है।
यदि आप या आपके किसी जानने वाले को मानसिक तनाव, अवसाद या आत्महत्या के विचार परेशान कर रहे हैं, तो कृपया तुरंत सहायता लें। भारत में कई हेल्पलाइन और परामर्श सेवाएं उपलब्ध हैं। आपकी ज़िंदगी अनमोल है, और हर समस्या का समाधान संभव है।
(हेल्पलाइन: AASRA – 91-9820466726 | iCall – 9152987821 | Fortis Mental Health – 8376804102)