किसानों ने 18 दिसंबर को पंजाब में रेल रोको का ऐलान किया है, जिसे लेकर अंबाला रेल मंडल के सीनियर dcm ने बताया कि अभी तक उन्हें ऐसी कोई भी आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं मिली है सिर्फ मीडिया के माध्यम से ही रेल रोको का पता लगा है। अगर किसान ऐसा कुछ करते हैं तो पहले की तरह ही रूट डायवर्ट कर दिए जाएंगे, वहीं उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि आम जनता अपनी-अपने व्यवसाय को लेकर ही ट्रेन का सफर करती है और इससे उनका भी परेशानी होगी इसलिए वह अपने प्रदर्शन का कोई और रास्ता अपनाएं।
आज, किसान मज़दूर मोर्चा की बैठक शंभू बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के चेयरमैन सुरजीत सिंह फूल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में 18 दिसंबर को होने वाले रेल रोको कार्यक्रम के लिए 23 जिला बिंदु तय किए गए। कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि सभी जिलों में पूर्ण तैयारी हो चुकी है।
सभी ग्राम पंचायतों, खेल क्लबों, युवा संगठनों और अन्य सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं से अपील की गई कि वे कल के रेल रोको कार्यक्रम की सफलता के लिए हर संभव योगदान दें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चल रहे संघर्ष को सफल बनाना है, जिसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में 22 दिनों का अनशन और विरोधी समूहों का बलिदानी संकल्प शामिल है। लक्ष्य 12 मांगों को पूरा कराना है, जिसमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) शामिल है, और किसान मोर्चा-2 की जीत सुनिश्चित करना है।
बैठक में निम्न नेता उपस्थित रहे:
बलदेव सिंह जीरा (अध्यक्ष, बीकेयू क्रांतिकारी)
जसविंदर सिंह लोंगोवाल (अध्यक्ष, बीकेयू एकता आज़ाद)
मनजीत सिंह राए और साहिब सिंह (अध्यक्ष, बीकेयू दोआबा)
स्विंदर सिंह चताला और जसबीर सिंह पिड़ी (वरिष्ठ नेता, किसान मज़दूर संघर्ष समिति)
जंग सिंह भटेड़ी और गुरधियान सिंह सिओना (नेता, बीकेयू भटेड़ी)
हरप्रीत सिंह (राज्य नेता, बीकेयू ब्रह्मके)
बलकार सिंह बैस (नेता, भारतीय किसान मज़दूर यूनियन)
तेजवीर सिंह और सुखचैन सिंह (राज्य नेता, बीकेयू शहीद भगत सिंह)
परमजीत सिंह (किसान नेता, बिहार)
नेताओं ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए एकता और दृढ़ संकल्प के महत्व पर जोर दिया।